कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus epidemic) के चलते देशभर में किए गए लॉकडाउन (Lockdown) के चलते देश के अलग अलग हिस्सों में बड़ी संख्या में श्रमिक, छात्र, पर्यटक और यात्री फंसे हुए हैं.  लॉकडाउन में कुछ राहत दिए जाने के बाद भारतीय रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला कर इन फंसे हुए लोगों को इनके राज्यों तक पहुंचाना शुरू किया है.  भारतीय रेलवे अभी तक 265 से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों (Shramik Special Trains) को चला कर लगभग 3 लाख से अधिक नागरिको को उनके घर पहुंचा चुका है. यात्रा में श्रमिकों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए उनकी स्क्रीनिंग, सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) जैसी सावधानियां बरतने के साथ ही रास्ते में खाना पानी सहित कई और सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं.  

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रेलवे ने लोगों से की ये अपील

हाल ही में महाराष्ट्र (Maharashtra) के औरंगाबाद में हुए रेल हादसे को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे रने आम लोगों से अपील की है कि किसी भी कारण से रेलवे ट्रैक का को पार न करें, यह जानलेवा साबित हो सकता है. लॉकडाउन के दौरान सिर्फ यात्री गाड़ियों का चलना बंद है, लेकिन मालगाड़ियाँ (Goods trains), कोविड-19 पार्सल स्पेशल (Parcel special) और श्रमिक स्पेशल गाड़ियों को नियमित तौर पर चलाया जा रहा है.  ऐसे में थोड़ी सी भी लापरवाही से आपकी जान खतरे में पड़ सकती है.  

215 स्टेशनों पर खड़े किए जाएंगे आइसोलेशन कोच

भारतीय रेल (Indian Railways) ने देशभर में 5231 कोविड केयर कोच (Covid Care Coach) तैयार किए हैं. हल्के लक्षणों वाले कोविड मरीजों के लिए 215 स्टेशनों पर कोविड केयर सेंटर में बदले जा रहे है. इनमें से 85 स्टेशनों पर तो हेल्थ केयर की सुविधा दी हुई है. साथ ही भारतीय रेल ने राज्यों से कहा है कि अगर वे जरूरी दवाएं और मेडिकल स्टाफ (medical staff) मुहैया कराते हैं तो 130 स्टेशनों को भी हेल्थ केयर सेंटर (Health care center) में तब्दील किया जा सकता है.

दी गई हैं कई सुविधाएं

भारतीय रेल इन सेंटरों पर पानी, बिजली, खान-पान और सुरक्षा के इंतजाम करेगी. इस संबंध में केंद्र सरकार ने राज्यों को गाइडलाइन जारी कर दी हैं. ये गाइडलाइन स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) ने रेल मंत्रालय के साथ मिलकर तैयार की हैं. इंडियन रेलवे ने कोविड-19 से लड़ने में 2500 से अधिक डॉक्टर और 35,000 से ज्यादा मेडिकल स्टाफ तैनात किया है. इन हालातों में देश के सप्लाई सिस्टम में अहम रोल निभाने वाला इंडियन रेलवे  COVID के खिलाफ भारत सरकार के प्रयासों में भी बराबर योगदान दे रहा है.

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मांग के आधार पर दी जाएगी सुविधा

रेलवे अपने फ्रंट लाइन वर्कर के लिए निजी सुरक्षा उपकरण (PPE Kits) भी तैयार कर रहा है. रेल मंत्रालय ने ट्रेन के 5231 डब्बों को कोविड केयर सेंटर में तब्दील कर दिया है. इन कोच का इस्तेमाल कोविड मरीजों की देखभाल के लिए किया जा सकता है. इन कोचों का इस्तेमाल उन इलाकों में किया जा सकता है जहां राज्य ने कोविड से लड़ने के लिए सहूलियतें नहीं जुटा पा रहे हैं. रेलवे की मदद लेने के लिए राज्य सरकारों (State governments) को रेल मंत्रालय में अपनी जरूरतें बताते हुए आवेदन करना होगा. रेवले राज्यों की जरूरत के मुताबिक कोच को पहुंचाने के लिए जगह का चुनाव करेगी. जगह का चुनाव होने पर उस जगह के स्टेशन पर ट्रेन पहुंचा दी जाएगी.

जिले को दिए जाएंगे कोच

उस जिले के जिला अधिकारी (District Magistrate) या अन्य अधिकारियों को इन कोच को सौंप दिया जाएगा. ट्रेन को स्टेशन पर पहुंचाने के बाद इन कोच में पानी, बिजली की सप्लाई, कोच की मरम्मत, खान-पीने और सुरक्षा की जिम्मेदारी रेलवे की रहेगी. रेलवे ने बिजली-पानी की सुविधाओं वाले स्टेशन की एक लिस्ट भी तैयार की है.