Railway Chain Pulling: रेलवे में सफर के दौरान सबसे बड़ी समस्या चेन पुलिंग होती है. बीच रास्ते में चेन खींचने से न सिर्फ यात्रियों को परेशानी होती है. चेन खींचना भले ही दंडनीय अपराध है. लेकिन, इसके बावजूद चेन खींचने की घटना में काबू नहीं आ रहा है. इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए रेलवे एक नई तकनीक लेकर आई है. इस तकनीक के जरिए यदि आपको सफर के दौरान कोई परेशानी आ रही है तो आप इमजेंसी यूनिट को बता सकते हैं. 

रेलवे मंत्रालय ने किया ट्वीट

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रेलवे मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया कि ट्रेन में इमरजेंसी टॉक बैक यूनिट (ETBU) इंस्टॉल किया है. इसमें यदि तो आप Push to talk बटन को दबा सकते हैं. कुछ देर तक आपको रुकना होगा. इसके बाद आप माइक में अपनी समस्या बता सकते हैं. गौरतलब है कि अभी तक ये तकनीक मेट्रो रेल में है. ट्रेन की चेन ट्रेन के मुख्य ब्रेक पाइप से जुड़ी होती है. इन पाइप के बीच हवा का दबाव बना होता है. चेन पुल करने से हवा बाहर निकल जाती है. हवा के दबाव की कमी के कारण ट्रेन की रफ्तार धीमी हो जाती है. 

 

चेन खींचने के नियम और जुर्माना (Railway chain pulling rules)

रेलवे द्वारा कुछ विशेष परिस्थितियों में चेन खींचने की इजाजत देती है. चलती ट्रेन में आग लग जाए तो चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोक सकते हैं. आप किसी बुजुर्ग या विकलांग व्यक्ति के साथ सफर कर रहे हैं. यदि उस व्यक्ति को ट्रेन में चढ़ने में दिक्कत है और गाड़ी चल जाए, ऐसी परिस्थिति में आप चेन पुलिंग कर सकते हैं. इसके अलावा मेडिकल इमरजेंसी में भी आलार्म चेन खींच सकते हैं. यदि चेन में चोरी और डकैती होने की स्थिति में चेन पुलिंग की जा सकती है.  

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रेलवे अधिनियम की धारा 141 के अनुसार अनावश्यक चेन पुलिंग करने पर रेलवे द्वारा एक हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जाता है. इसके अलावा एक साल की कैद  भी हो सकती है. आपको बता दें कि ट्रेन के डिब्बों में इमरजेंसी फ्लैशर लगाए जाते हैं. इसके द्वारा पता चलता है कि ट्रेन की चेन कहां से खींची गई है.