भारतीय रेलवे (Indian Railways) स्टेशनों और ट्रेनों में सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग बंद करने के लिए कई तरह से प्रयास कर रहा है. रेलवे ने नवरात्रि में डांडिया थीम पर एक गाना बनवाया है. 'नो बोलो, नो बोलो प्लास्टिक को नो बोलो, इंडिया रेलवेज का है ये पैगाम, प्लास्टिक का करो काम तमाम' इस बोल के साथ बनाया गया ये गाना सुन कर आप झूम उठेंगे. सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने के लिए इस गाने के जरिए यात्रियों को जागरूक किया जा रहा है.

स्टेशनों पर जारी हुए ये आदेश
रेलवे ने सभी स्टेशनों पर वैंडर्स को निर्देश दिए हैं कि वे खाने- पीने का सामान बेचने के लिए पॉलीथीन बैग का इस्तेमाल न करें. वहीं यात्रियों तक प्लास्टिक न इस्तेमाल करने का संदेश पहुंचाने के लिए भी कई तरह से प्रयास किए जा रहे हैं. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक अनोखा प्रयोग किया गया है जिले लेकर मुसाफिर भी काफी उत्साहित हैं.
 
इस सेल्फी प्वाइंट को पसंद कर रहे यात्री
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर 16 पर रविवार शाम को एक सेल्फी प्वाइंट बनाया गया है. यहां अवतार "Avatar" फिल्म का एक कैरेक्टर बनाया गया है जो सिंगल यूज प्लास्टक प्रयोग न करने के बात कहते हुए लोगों को जागरूक कर रहा है. यात्री इस कटआउट को काफी पसंद कर रहो हैं. काफी मुसाफिर यहां खड़े हो कर सेल्फी ले रहे हैं. इस थीम को तैयार करने वाले दिल्ली मंडल के सीनियर डीसीएम सुनील बेनिवाल ने बताया कि 02 अक्टूबर से दिल्ली के स्टेशनों पर सिंगल यूज प्लास्टिक पूरी तरह से बैन होगा. इसके लिए स्टेशन पर काम करने वाले कर्मचारियों को आदेश दिए गए हैं वहीं यात्रियों को भी जागरूक किया जा रहा है.
 
 
वेंडर्स ने प्लास्टिक का विकल्प खोजा
वेस्टर्न रेलवे के रतलाम मंडल में कुछ स्टेशनों जैसे कालाकुंड, जावरा और मंदसौर पर प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर वेंडर्स ने पत्तों के बने दोनों में खाने- पीने का सामान बेचना शुरू किया है. वहीं उन्होंने अपने स्टॉल के साथ कूडेदान भी रखा है जिसमें ये पत्ते के बने दोने इक्कट्ठा कर इन्हें बाद में फेंका जा रहा है. ये पत्ते से बने दोने पूरी तरह से बायो डिग्रेडेबेल हैं.
 
चलती ट्रेन में भी प्लास्टिक पर लगेगी रोक
चलती ट्रेन में प्लास्टिक की पानी की बोतलों पर लगाम लगाने के लिए रेलवे ने हाल ही में एक अनोखा प्रयोग किया है. वेस्टर्न रेलवे में ट्रेन की LHB पैंट्रीकार में PET बॉटल क्रशिंग मशीन लगाई है. ये मशीन प्लास्टिक की बोतलों को छोटे - छोटे टुकड़ों में काट देती है. इन प्लास्टिक के टुकड़ों का दुबारा प्रयोग किया जा सकता है. रेलवे की ओर से LHB पैंट्रीकार में लगाई गई PET बॉटल क्रशिंग मशीन की क्षमता 3000 बोतल प्रति दिन की है. ट्रेनों में यात्रियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली बोतलों के साइज को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने इस मशीन को इस हिसाब से डिजाइन किया है कि इसमें 200 मिलीलीटर से 2.5 लीटर तक की बोतल को क्रश किया जा सके.