Indian Railways: आमतौर पर हम सभी किसी ट्रेन का टिकट तभी खरीदते हैं, जब हमें कहीं सफर करना होता है. लेकिन प्रयागराज जिले में एक रेलवे स्टेशन ऐसा भी है, जहां लोग कहीं जाने के लिए टिकट नहीं खरीदते हैं, बल्कि इसलिए टिकट खरीदते हैं ताकि उनके क्षेत्र का रेलवे स्टेशन बंद न हो जाए. जी हां, प्रयागराज रेलवे जंक्शन से 30 किलोमीटर दूर दयालपुर क्षेत्र के लोगों ने स्थानीय रेलवे स्टेशन को बंद होने से बचाने के लिए कई महीनों तक टिकट खरीदी है. रेलवे मैनेजमेंट ने इस स्टेशन को ठेके पर दे दिया है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उत्तर रेलवे (Northern Railway) के तहत आने वाले दयालपुर रेलवे स्टेशन के टिकट बुकिंग एजेंट पुनीत सिंह ने बताया कि वर्तमान में इस रेलवे स्टेशन पर केवल एक ट्रेन-‘कैंट स्पेशल’ रुकती है, जो कि रात में 10 बजे के करीब आती है. 

महीनों तक लोगों ने चंदा लगाकर खरीदी टिकट

इस स्टेशन पर प्रयागराज के लिए और भी ट्रेनें रुकें, इसके लिए स्थानीय लोगों ने चंदा इकट्ठा कर चार-पांच महीने तक टिकटें खरीदीं. लोगों ने बताया कि गलत रूट मसलन प्रतापगढ़ के लिए ट्रेन मिलने से लोग यात्रा नहीं करते हैं, जबकि स्थानीय लोग प्रयागराज के लिए सुबह की ट्रेन चाहते थे क्योंकि उन्हें उच्च न्यायालय, कचहरी, बोर्ड ऑफिस आदि के काम के सिलसिले में प्रयागराज जाना पड़ता है. 

लोगों ने कराया स्टेशन पर रंग रोगन

सिंह ने बताया कि यदि सुबह आठ बजे की कोई भी ट्रेन प्रयागराज के लिए मिलती तो लोग जरूर ट्रेन से यात्रा करने को तरजीह देते. पहले सरयू एक्सप्रेस सुबह ही चलती थी, लेकिन अभी यह दयालपुर स्टेशन पर नहीं रुकती है. उन्होंने बताया कि 2005 से इस स्टेशन का रंग रोगन नहीं किया गया था. काफी समय तक रेलवे द्वारा इस स्टेशन पर ध्यान नहीं दिए जाने के कारण स्थानीय लोगों ने पैसा एकत्रित कर फरवरी, 2022 में इस स्टेशन का रंग रोगन कराया और जुलाई, 2022 तक टिकट खरीदते रहे. 

बस का सफर पड़ता है महंगा

दयालपुर के निवासी और स्थानीय सरकारी विद्यालय में अध्यापक मोहम्मद रफीक ने बताया कि यद्यपि प्रयागराज के लिए वाहन आदि की सुविधा मौजूद है, लेकिन ट्रेन की यात्रा काफी सस्ती होने से लोग चाहते हैं कि सरयू ट्रेन पहले की तरह यहां रुके और धीरे धीरे और भी ट्रेनों का ठहराव यहां हो. उन्होंने कहा कि यहां से काफी लोग निर्माण कार्य में मजदूरी के लिए शहर जाते हैं और बस आदि का किराया महंगा पड़ता है, यदि ट्रेन की सुविधा मिले तो लोग ट्रेन से ही शहर जाना पसंद करेंगे. 

कोरोना महामारी के समय बंद हुआ था स्टेशन

खास बात यह है कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के समय में रेल मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने दयालपुर रेलवे स्टेशन शुरू कराया था और उस समय कई ट्रेन इस स्टेशन पर रुकती थी. पुनीत सिंह ने बताया कि कोरोना के दौरान स्टेशन बंद होने के बाद जनवरी, 2022 में फिर से यह स्टेशन खुला, लेकिन सिर्फ एक ट्रेन ही रूकती है.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें