Indian Railways: उत्‍तर मध्‍य रेलवे ने ‘जीरो स्‍क्रैप मिशन’ (Zero Scrap Mission) के तहत 12 जनवरी 2023 तक, स्क्रैप (कबाड़) बेचकर कुल 200.83 करोड़ रुपये का राजस्‍व प्राप्त किया है. इस प्रकार उत्‍तर मध्‍य रेलवे (North Central Railway) ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए निर्धारित 200 करोड़ रुपये के स्क्रैप बिक्री लक्ष्‍य को पार कर चुका है. बताते चलें कि उत्तर मध्य रेलवे ने पिछले साल इसी अवधि के दौरान कुल 171 करोड़ रुपये के स्‍क्रैप का निपटान किया था. इस तरह पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले इस वित्त वर्ष में उत्तर मध्य रेलवे ने स्क्रैप से होने वाली कमाई में 14.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है.

स्क्रैप बेचने से कमाई के साथ-साथ साफ-सफाई में भी मिल रही मदद

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उत्तर मध्य रेलवे जोन के जनरल मैनेजर सतीश कुमार के दिशा निर्देशन में तेजी से चलाए जा रहे स्क्रैप निपटान अभियान में उ.म.रे. के सभी मंडलों और कारखानों में पड़े अनुपयोगी और स्क्रैप आइटम को इकट्ठा कर बेचकर जा रहा है और बड़े स्तर पर राजस्व प्राप्त किया जा रहा है. खास बात ये है कि रेलवे को स्क्रैप की बिक्री से सिर्फ कमाई ही नहीं हो रही बल्कि इस अभियान से वर्क स्टेशन और पर्यावरण को भी साफ-सुथरा रखने में भी मदद मिल रही है.

किन-किन चीजों की हुई बिक्री

उत्‍तर मध्‍य रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में रेलवे के इस जोन 12 जनवरी, 2023 तक करीब 19095 मीट्रिक टन रेल की पटरी, 17772 मीट्रिक टन वर्कशॉप का बेकार पड़ा लोहा और 415 मीट्रिक टन नॉन-फेरस स्‍क्रैप के साथ 231 मालगाड़ी के डिब्बे, 14 पैसेंजर ट्रेन के डिब्बे और 4 इंजन की ई-नीलामी की गई, जिससे उत्तर मध्य रेलवे को 200.83 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है. उत्‍तर मध्‍य रेलवे के सभी रेल मंडल, कारखाने और अन्य संस्थान इस अभियान से रेलवे को ‘स्‍क्रैप मुक्‍त‘ बनाने के लिए प्रतिबद्ध और सतत् प्रयासरत हैं.