मोदी कैबिनेट (Modi cabinet) ने रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन (Railway board reshuffle) को मंगलवार को मंजूरी दे दी. इसमें अब आठ की जगह अध्यक्ष सहित पांच सदस्य होंगे. साथ ही रेलवे की सभी सेवाओं को एकीकृत कर एक नई सेवा 'भारतीय रेल सेवा' (Indian Railway Service) बनाने को स्वीकृति भी दे दी गई. रेलवे बोर्ड में यातायात, रोलिंग स्टॉक, ट्रैक्शन एंड इंजीनियरिंग के लिए सदस्यों की जगह नए बनाए गए बोर्ड में परिचालन, व्यवसाय विकास, मानव संसाधन, अवसंरचना और वित्त कार्यों के लिए सदस्य होंगे. भारतीय रेलवे में इंजीनियरिंग, यातायात, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिक सहित विभिन्न विभागों के लिए मौजूदा आठ सेवाओं की जगह अब केवल एक सर्विस 'भारतीय रेलवे मैनेजमेंट सर्विस' होगा.

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रेल मंत्री पीयूष गोयल (Railway Minister Piyush Goyal) का दावा है कि रेलवे बोर्ड का पुनर्गठन एक ऐतिहासिक फैसला है. आईएएनएस की खबर के मुताबिक, गोयल ने कहा कि रेलवे बोर्ड में चेयरमैन और सीईओ समेत पांच सदस्य होंगे. उन्होंने कहा कि पुनगर्ठित रेलवे बोर्ड विभागों की जटिलताओं से राहत दिलाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि इसमें किसी की वरीयता से समझौता नहीं होगा. भारतीय रेलवे में दो विभाग रेलवे सुरक्षा बल और चिकित्सा सेवा विभाग होंगे. रेल मंत्री ने जोर देकर कहा कि एकीकरण की प्रक्रिया के बाद किसी भी अधिकारी की नौकरी नहीं जाएगी.

रेल मंत्री का कहना है कि रेलवे बोर्ड का नेतृत्व रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष (CRB) करेंगे जो मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) होंगे. इसके चार सदस्य एवं कुछ स्वतंत्र सदस्य होंगे. गौरतलब है कि भारतीय रेलवे पर बनी विवेक देबराय समिति ने 2015 में, सैम पित्रोदा कमेटी, संतोष मोहन कमेटी और प्रकाश टंडन कमेटी ने समय-समय पर ऐसा करने का सुझाव दिया था. इसके लिए लंबी बातचीत हुई है.

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गोयल ने कहा कि खुद उन्होंने इसके लिए छह बैठकें की. जबकि 1200 अधिकारियों ने कई दौर की बैठकें की. इसके बाद ही रेलवे बोर्ड का पुनर्गठन करने का फैसला किया गया. साथ ही 27 जनरल मैनेजर को सेक्रेटरी लेवल पर अपग्रेड किया गया. अभी 10 सेक्रेटरी लेवल के अधिकारी हैं और 27 को और अपग्रेड किया जा रहा है.