Indian Railways: ओडिशा में हुए भीषण हादसे के बाद पैसेंजर्स की सेफ्टी को लेकर रेलवे अपनी तैयारी में कोई कमी नहीं छोड़ने वाली है. रेलवे मिनिस्ट्री ने जोनल रेलवे के सभी महाप्रबंधकों को एक हफ्ते का सुरक्षा अभियान शुरू करने का निर्देश दिया है. इस सुरक्षा अभियान का मकसद रेलवे नेटवर्क में सिग्नल डिवाइस और रिले रूम से संबंधित चीजों को ठीक करके सिक्योरिटी के हाई स्टैंडर्ड को सेट करना है. रेलवे के इस सिक्योरिटी में डबल लॉकिंग अरेंजमेंट्स की उपस्थिति को वेरिफाई करने और स्टेशन के अंदर सभी हाउसिंग को भी चेक करना होगा. इन सभी सिग्नलों से ही ट्रेनों की सुरक्षित आवाजाही सुनश्चित होती है.

करना होगा ये इंतजाम

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रेलवे मिनिस्ट्री ने अपने आदेश में विभिन्न स्टेशनों पर स्थित रिले रूम में डबल लॉकिंग व्यवस्था के निरीक्षण और सत्यापन पर जोर दिया गया है. इसमें यह पुष्टि करना आवश्यक है कि ये व्यवस्था ठीक से काम कर रही हैं. इसके अतिरिक्त, सुरक्षा अभियान के लिए यह जांचने की आवश्यकता है कि क्या "डेटा लॉगिंग और दरवाजे खोलने/बंद करने के लिए एसएमएस अलर्ट उत्पन्न करना" इन रिले रूम में चालू है.

सिग्नल को लेकर करना होगा ये काम

रेलवे ने अपने आदेश में सिग्नलिंग और दूरसंचार (एसएंडटी) उपकरणों के डिस्कनेक्शन और रीकनेक्शन के लिए निर्धारित मानदंडों और दिशानिर्देशों के सख्त पालन पर जोर दिया है. सुरक्षा अभियान के दौरान, अनुपालन के लिए उपर्युक्त स्थानों में से 100 प्रतिशत का निरीक्षण किया जाना चाहिए, और 10 प्रतिशत स्थानों की सुपर चेकिंग अधिकारियों द्वारा की जानी चाहिए.

14 जून तक करना होगा अपडेट

आदेश रेलवे अधिकारियों को निर्देश देता है कि सुरक्षा अभियान के दौरान पहचानी गई किसी भी कमी या अनियमितता पर उचित अनुवर्ती कार्रवाई करें. ड्राइव के परिणाम 14 जून, 2023 तक रेलवे बोर्ड को सूचित किए जाने चाहिए. इसके अलावा, रिपोर्ट को सुरक्षा प्रबंधन डेटाबेस सिस्टम (SMDMS) पर अपलोड किया जाना चाहिए. 

यह सुरक्षा अभियान रेलवे प्रणाली के भीतर सुरक्षा उपायों को बढ़ाने और सिग्नलिंग उपकरण और रिले रूम के सुचारू और सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है.

ओडिशा हादसे में गई 288 लोगों की जान

बता दें कि ओडिशा के बालासोर में 2 जून को हुए भयंकर ट्रेन हादसे में 288 लोगों की जान चली गई है. इसके साथ ही इसमें 1000 लोगों घायल हो गए थे. प्रारंभिक जांच में पचा चला है कि ये दुर्घटना 'सिग्नलिंग इंटरफेरेंस' के कारण हो सकती है.

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