ट्रेनों में बेटिकट यात्रा करने वाले यात्रियों पर लगाम लगाने के लिए रेलवे समय- समय पर अभियान चलाता है. उत्तर रेलवे (Northern Railway) के लखनऊ मंडल (Lucknow Division) ने बड़े पैमाने पर ऐसा ही एक अभियान चलाया. जनवरी, 2020 में चलाए गए इस टिकट चेकिंग अभियान में अवैध तरीके से यात्रा करने वाले, हस्तांतरित टिकटों पर यात्रा करने तथा टिकटों का दुरूपयोग करने जैसे कई मामले पकड़े गए. पकड़े गए लोगों से रेलवे ने लगभग 44.45 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला. ये पिछले साल की तुलना में लगभग 9.97 फीसदी अधिक है.

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52375 मामले पकड़े गए

जनवरी 2020 में लगभग 52375 मामले पाए गए जिसमें या तो यात्रियों के पास टिकट नहीं थी या जिस श्रेणी की टिकट होनी चाहिए थी उस तरह की टिकट नहीं थी. जनवरी 2019 में लगभग 46193 मामले मामले पकड़े गए थे. 2019 जनवरी की तुलना में इस साल लगभग 13.38% अधिक मामले पकड़े गए हैं.

जनवरी में टिकट चेकिंग से कमाए 44.55 करोड

जनवरी, 2020 तक टिकट जांच के द्वारा कुल अर्जित आय 44.55 करोड रुपये रही जोकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में 40.50 करोड रूपये की तुलना में 9.97% अधिक है. जनवरी, 2020 तक 8,71,983 मामले सामने आए जोकि पिछले वर्ष जनवरी, 2019 तक आए 7,90,951 मामलों की तुलना में 10.29% अधिक है.

 

कई ट्रेनें कैंसिल करने पर भी हुई इतनी कमाई

पिछले वर्ष पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी रेलवे स्टेशन से मंडूवाडीह स्टेशन पर स्थानांतरित की गयी लम्बी दूरी की 7 मेल और एक्सप्रेस रेलगाड़ियों तथा अलग- अलग ढाँचागत ब्लॉकों और अन्य कारणों के चलते रदद की गयी 166 मेल/एक्सप्रेस/पैसेंजर रेलगाड़ियों की तुलना में इस वर्ष 195 मेल/एक्सप्रेस एवं पैसेंजर रेलगाड़ियां रदद की गयी थीं इसके बावजूद भी लखनऊ मंडल ने टिकट जांच अभियानों से कुल 44.45 करोड़ रूपये कमाए.