क्यों अलग-अलग रंग के होते हैं ट्रेन के कोच ? 99 परसेंट लोगों को नहीं मालूम होगा असली कारण !
Indian Railway Interesting Facts: क्या आपने कभी गौर किया है अलग-अलग रंग के ट्रेन क्यों होते हैं. तो चलिए जानते हैं इसके पीछे का कारण..
Indian Railway Interesting Facts: भारतीय रेल दुनिया में चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है. हर रोज लाखों लोग ट्रेन से सफर करते हैं. यह काफी सुविधाजनक साधन है. पैसेंजर को अपने गंतव्य तक पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे हर दिन लगभग 13523 ट्रेनें चलती है. आपने भी ट्रेन में कई बार सफर किया होगा, लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है अलग-अलग रंग के ट्रेन क्यों होते हैं. तो चलिए जानते हैं इसके पीछे का कारण..
नीले रंग का कोच- सबसे ज्यादा नीले रंग के ट्रेन के डब्बे का इस्तेमाल होता है. इसे integral coach कहते हैं. Integral coach फैक्ट्री तमिलनाडु में हैं. ये भारतीय रेलवे के अधीन काम करती है. इसमें जनरल एसी से लेकर हर तरह के कोच बनाए जाते हैं. ये कोच लोहे के बने होते हैं.इस तरह के कोच को मेल, एक्सप्रेस, सुपरफास्ट सभी ट्रेनों में लगाए जाते हैं. ऐसे कोच वाले ट्रेनों की रफ्तार 70 से 140 km/hr होती है. लाल रंग का कोच- ये खास तरह की कोच होती है. इन्हें LSB कोच भी कहते हैं. ये कोच Aluminium से बने होते हैं. दूसरे कोच के मुकाबले इनका वजन काफी हल्का होता है. यही वजह है कि इन ट्रेनों की रफ्तार काफी तेज होती है. लाल डिब्बे वाली ट्रेन की स्पीड हमेशा नीले रंग का कोच के मुकाबले फास्ट होती है.ऐसे कोच वाले ट्रेनों की रफ्तार 160 से 200 km/hr हो सकती है. इन ट्रेनों में डिस्क ब्रेक भी होता है. ऐसे कोच ज्यादातर शताब्दी या राजधानी जैसे ट्रेनों में लगाई जाती है. वर्तमान में इन कोच का निर्माण पंजाब के कपूरथला में किया जा रहा है. हरे रंग का कोच- हरे रंग के कोच का इस्तेमाल गरीब रथ ट्रेन में किया जाता है. पहले नैरो-गेज पटरियों पर चलने वाली ट्रेनों में हरे रंग के कोच का इस्तेमाल किया जाता था. इन ट्रेनों में आपको कई बार खुबसुरत पेंटिंग भी दिख जाएगी.इसकी स्पीड 160 से 200 किलोमीटर प्रति घंटा होती है. भूरे रंग का कोच- भूरे रंग के कोचों का इस्तेमाल छोटी लाइनों पर चलने वाली मीटर गेज ट्रेनों में होता है. यह ट्रेन लंबी दूरी के लिए होती है. यह ट्रेन काफी आरामदायक होती हैं. इसमें दूसरे ट्रेनों के मुकाबले थोड़ी ज्यादा सुविधाएं दी जाती हैं. इस ट्रेन में काफी ज्यादा जगह होती हैं. इन ट्रेनों की स्पीड 70 से 140 किमी प्रति घंटे होती हैं.