भारतीय रेल (Indian Railways) 50 स्‍टेशनों को फिर से डेवलप कर रहा है. इंडियन रेलवे ने अब फैसला किया है कि वह इन स्टेशनों पर उपलब्ध जनसुविधाओं के लिए हवाई अड्डों (Airport) की तरह शुल्क वसूल करेगा. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हवाई यात्रा में जनसुविधा विकास शुल्क (UDF) टैक्‍स का हिस्सा होता है, जिसका हवाई यात्री भुगतान करते हैं. UDF विभिन्न हवाई अड्डों पर वसूला जाता है और इसकी दरें अलग-अलग है. 

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रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने बताया कि नए विकसित रेलवे स्टेशनों पर शुल्क वहां आने वाले यात्रियों की संख्या के आधार पर अलग-अलग होगा. उन्होंने बताया कि मंत्रालय जल्द ही शुल्क के रूप में वसूली जाने वाली रकम से जुड़ी अधिसूचना जारी करेगा. उन्होंने बताया कि 1,296 करोड़ रुपये की अुनमानित लागत से अमृतसर (Amritsar), नागपुर (Nagpur), ग्वालियर (Gwalior) और साबरमती (Sabarmati) रेलवे स्टेशनों को रीडेवलप करने के लिए रेलवे ने प्रस्ताव मंगाए हैं.

बता दें कि सरकार ने भारतीय रेलवे स्टेशन पुनर्विकास निगम लिमिटेड (IRSDC) के जरिये 2020-2021 में पूरे देश में 50 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए टेंडर जारी करने की योजना बनाई है और इस पर 50,000 करोड़ रुपये का निवेश का प्रस्ताव है.

यादव ने बताया कि UDF हवाई अड्डा ऑपरेटरों की ओर से लिए जा रहे शुल्क के जैसे ही होंगे. इससे स्टेशनों के अपग्रेड करने के लिए रकम की व्यवस्था होगी. यह शुल्क बहुत मामूली होगा. 

उन्होंने कहा कि सुविधा शुल्क की वजह से किराए में मामूली बढ़ोतरी होगी लेकिन इससे यात्रियों को विश्व स्तरीय स्टेशनों की सुविधा का अहसास होगा. उल्लेखनीय है कि सरकार ने पहले कार्यकाल में 400 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास करने की घोषणा की थी.

योजना के तहत स्टेशनों के विकास पर खर्च होने वाला धन स्टेशन के आसपास की जमीन को विकसित कर एकत्र किया जाएगा. रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास वित्तीय व्यावहारिकता के आधार पर किया जा रहा है. 

सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने अक्टूबर में स्टेशन पुनर्विकास योजना में देरी होने पर रेल मंत्रालय की खिचांई की थी. आयोग ने 50 स्टेशनों को प्राथमिकता के आधार पर पुनर्विकास करने के लिए शीर्ष नौकरशाहों की अधिकार प्राप्त समूह बनाने की सिफारिश की थी.