भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने रेल यात्रा को और आरामदायक बनाने के लिए नई पहल की है.इंडियन रेलवे की नई पहल का नाम 'खुशियों की डिलीवरी' है.  IRCTC के मौजूदा ई-केटरिंग सिस्टम को ही नया रिब्रांडेड बनाने की कोशिश है. ई-केटरिंग बिजनेस को ज्यादा कामयाब सफल बनाने के लिए IRCTC ने 700 फूड वेंडर के साथ करार किया है, जो देश के करीब 350 अहम रेलवे स्टेशन पर आपको मनपसंद फूड डिलीवर करेंगे.

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सफर में मिलेगा बर्गर-पिज्जा

अब आप रेल सफर के दौरान सब-वे का बर्गर, डोमिनोज पिज्जा, बिरयानी ब्लूज़ की मशहूर बिरयानी, हल्दीराम की राजकचोरी, हल्दीराम के कई फेमस डिश, दिल्ली का मशहूर निरुला रेस्टोरेंट, मुंबई-दिल्ली का मशहूर FASOOS फूड ब्रांड, साउथ इंडियन के लिए मशहूर SARVANA भवन से साउथ इंडियन डिश जैसे डोसा, इडली, सांभर ई-केटरिंग के जरिए आर्डर कर सकते हैं.

सभी ट्रेन और रूट होंगे कवर

350 रेलवे स्टेशन संख्या के लिहाज से कम नजर आएं लेकिन IRCTC का दावा है कि इन स्टेशनों के जरिये लगभग सभी ट्रेन और रेलवे रूट कवर हो रहे है. मतलब मुसाफिर अपनी पसंद का फूड किसी भी ट्रेन में यात्रा करते हुए आर्डर कर सकता है. पिछले एक साल में ई कैटरिंग बिज़नेस में ज़बरदस्त बढ़ोतरी को देख IRCTC अब इसे नए कलेवर 'खुशियों की डिलीवरी' करके और ज्यादा कामयाब बनाना चाहता है.

कमाई के मामले में हिट

फिलहाल, IRCTC को रोजाना तकरीबन 21,000 फूड ऑर्डर ई-केटरिंग के जरिए मिल रहे हैं. वहीं, सिर्फ एक-डेढ़ साल पहले तक आंकड़ा सिर्फ 8000 फूड ऑर्डर तक सीमित था. कमाई के नजरिए से देखें तो हर ऑर्डर पर IRCTC को 12% का कमीशन मिलता है. सूत्रों के मुताबिक, ई-केटरिंग के जरिए IRCTC को फिलहाल सालाना तकरीबन 8-9 करोड़ रुपए की कमाई हो रही है.

भविष्य में विस्तार योजना

जानकारों और IRCTC के मुताबिक ई-केटरिंग कारोबार में ज़बरदस्त पोटेंशियल है. IRCTC के लक्ष्य के मुताबिक,  ई-केटरिंग को 1 लाख ऑर्डर रोजाना तक का पोटेंशियल हासिल करना है. ई-केटरिंग में साल दर साल 100 प्रतिशत से ज्यादा की ग्रोथ से उत्साहित IRCTC ई-केटरिंग बिजनेस की REBRANDING कर रहा है.  अगले 1 साल में 50 और रेल स्टेशन तक ई-केटरिंग के दायरे में लाने की योजना है. देश के अलग-अलग शहरों और हिस्सों में करीब 100 नए फूड वेंडर्स के साथ करार किया जा सकता है.

मौजूद ट्रैन में कैटरिंग मेभी हो रहा सुधार -

  • सभी ट्रेनों की पैंट्री कार (कोच जिसमें खाना बनता है) को आधुनिक बनाया जा रहा है.
  • पैंट्री कार में नए कुकिंग टेक्नोलॉजी, इक्विपमेंट और स्टोर करने की जगह को भी बेहतर और हैजेनिक बनाया जा रहा है.
  • बेस किचन (जहां खाना बनाकर ट्रेन में सप्लाई होता है) पर CCTV कैमरे की लाइव स्ट्रीमिंग होगी. 
  • एक क्लिक पर किसी भी बेस किचन में खाना बनते हुए देख सकते हैं. फूड क्वॉलिटी और हाइजीन का पता लगेगा.
  • रेलवे हर फूड पैकेट पर QR कोड भी लगाकर देगा, यात्री QR कोड को स्कैन कर सीधे उस बेस किचन को लाइव देख सकेंगे. 
  • QR कोड की मदद से लाइव स्ट्रिमिंग पर फूड की पैकिंग को भी देखा जा सकता है.