वंदे भारत, राजधानी एक्सप्रेस ही नहीं रेलवे को इन ट्रेनों से हो रहा भारी मुनाफा, 1 साल में खजाने में आए ₹26 करोड़
Indian Railway Income: सेंट्रल रेलवे ने बताया कि विस्टाडोम कोच वाली ट्रेनों से करीब 1.76 लाख पैसेंजर्स ने यात्रा का आनंद लिया है, जिससे रेलवे को 26.50 करोड़.रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ है.
Indian Railway Income: भारतीय रेलवे पैसेंजर्स के लिए हर दिन 10 हजार से अधिक पैसेंजर ट्रेनें चलाती है. इन ट्रेनों से हर दिन करीब 2 करोड़ से अधिक पैसेंजर सफर करते हैं. हालांकि, कुछ ट्रेनें ऐसी होती हैं, जिनका इस्तेमाल पैसेंजर्स सिर्फ एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए ही नहीं करते हैं, बल्कि इनका सफर भी लोगों के लिए काफी सुहाना होता है. सेंट्रल रेलवे अपने पैसेंजर्स के लिए ऐसे ही विस्टाडोम कोच वाली ट्रेन चलाती है. चाहे मुंबई गोवा रूट पर घाटियों, नदियों और झरनों का मनमोहक दृश्य हो या मुंबई-पुणे रूट पर वेस्टर्न घाट का शानदार नजारे, चौड़ी खिड़कियों और ग्लॉस टॉप वाले ये कोच लोगों को बहुत पसंद आते हैं.
वित्त वर्ष 2023-24 में सेंट्रल रेलवे की इन ट्रेनों से करीब 1.76 लाख पैसेंजर्स ने यात्रा का आनंद लिया है, जिससे रेलवे को 26.50 करोड़.रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ है.
इन ट्रेनों की है सबसे ज्यादा मांग
- 12125/12126 मुंबई-पुणे-मुंबई प्रगति एक्सप्रेस 99.26% यानी 30,981 यात्रियों की ऑक्यूपेंसी के साथ सबसे आगे है, इसके बाद दूसरे स्थान पर है.
- 11007/11008 मुंबई-पुणे-मुंबई डेक्कन एक्सप्रेस 97.49% यानी 31,162 यात्रियों की ऑक्यूपेंसी के साथ.
- 12051/12052 सीएसएमटी-मडगांव-सीएसएमटी जनशताब्दी एक्सप्रेस 95.49% यानी 30,758 यात्रियों की ऑक्यूपेंसी के साथ,
- 12123/12124 मुंबई-पुणे-मुंबई डेक्कन क्वीन 92.72% यानी 29,702 यात्रियों की क्षमता के साथ,
- 12025/12026 पुणे-सिकंदराबाद-पुणे शताब्दी एक्सप्रेस 87.84% यानी 24,274 यात्रियों की ऑक्यूपेंसी के साथ और
- 22119/22120 मुंबई-मडगांव-मुंबई तेजस एक्सप्रेस 77.85% यानी 29.527 यात्रियों की ऑक्यूपेंसी है.
सबसे ज्यादा कमाई करा रही हैं ये गाड़ियां
- 22119/22120 मुंबई-मडगांव-मुंबई तेजस एक्सप्रेस 7.68 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ सबसे अव्वल है, इसके बाद दूसरे स्थान पर है.
- 6.16 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ 12051/12052 सीएसएमटी-मडगांव- सीएसएमटी जनशताब्दी एक्सप्रेस.
- 4.98 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ 12025/12026 पुणे-सिकंदराबाद-पुणे शताब्दी एक्सप्रेस,
- 12123/12124 मुंबई-पुणे-मुंबई डेक्कन क्वीन 2.72 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ,
- 12125/12126 मुंबई-पुणे-मुंबई प्रगति एक्सप्रेस 2.60 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ और
- 11007/11008 मुंबई-पुणे-मुंबई डेक्कन एक्सप्रेस 2.35 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ काफी पीछे है.
2018 में शुरू हुई थी पहली विस्टाडोम
विस्टाडोम कोच पहली बार 2018 में मुंबई-मडगांव जनशताब्दी एक्सप्रेस में मध्य रेल पर शुरू किए गए थे. यात्रियों के अच्छे प्रतिसाद के कारण, मुंबई-मडगांव रूट पर दूसरा विस्टाडोम कोच 15.09.2022 से तेजस एक्सप्रेस से जोड़ा गया था.
इन कोचों की अपार लोकप्रियता के कारण दिनांक 26.6.2021 से मुंबई-पुणे डेक्कन एक्सप्रेस में इन कोचों की शुरुआत की गई और यात्रियों की मांग को देखते हुए, मुंबई-पुणे रूट पर दो और विस्टाडोम कोच दिनांक 15.8.2021 से डेक्कन क्वीन से जोड़े गए. प्रगति एक्सप्रेस में 25.07.2022 से और साथ ही पुणे-सिकंदराबाद शताब्दी एक्सप्रेस में 10.08.2022 से एक विस्टाडोम कोच जोड़ा गया.
विस्टाडोम कोच क्यों हैं इतने खास
विस्टाडोम कोचों में कांच की छत के अलावा कई अन्य विशेषताएं हैं जैसे चौड़ी खिड़की के शीशे, एलईडी लाइटें, घूमने वाली सीटें और पुशबैक कुर्सियां, विद्युत चालित स्वचालित स्लाइडिंग कम्पार्टमेंट दरवाजे, दिव्यांगों के लिए चौड़े स्लाइडिंग दरवाजे, सिरेमिक टाइल फर्श के साथ शौचालय आदि. लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात, व्यूइंग गैलरी है.