भारतीय रेलवे (Indian Railway) पर्यटन को बढ़ाने के लिए कई प्रयास कर रही है. आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के विशाखापट्टनम (Visakhapatnam) और अरकू घाटी के बीच विस्टाडोम कोच (Vistaadom Coach) वाली ट्रेन चलाना शुरू किया है. पर्यटक रेलवे के इस प्रयोग को काफी पसंद कर रहे हैं. दरअसल Vistaadom Coach बेहद बड़े- बड़्र शीशों से बना हुआ डिब्बा होता है.जिसमें बैठ कर आप अपने आसपास के खूबसूरत नजारों का लुत्फ ले सकते हैं. कोच की छत और खिड़की पारदर्शी कांच की बनी हुई हैं, जिससे वहां प्रकृति के खूबसूरत नजारे देखते हुए यात्रा कर कर सकते हैं. रास्ते में यात्रियों को कई खूबसूरत पुल, गुफाएं और प्राकृतिक नजारे दिखते हैं.

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कालका शिमला रूट पर भी चल रहे हैं ये कोच

विशाखापट्टनम से अरकू घाटी स्टेशन के बीच की दूरी लगभग 128 किलोमीटर है. ये पूरा इलाका बेहद खूबसूरत वादियों से घिरा हुआ है. रेलवे के चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में इन Vistaadom Coach को तैयार किया गया हैं. एक डिब्बे को बनाने में लगभग 3.38 करोड़ रुपए का खर्च आया है. अगर आप इस डिब्बे में बैठ कर रेलवे के इस रूट पर यात्रा करना चाहते हैं तो आपको एक यात्री के लिए 670 रुपए का टिकट लेना होगा. रेलवे ने कालका-शिमला रूट पर पहले से ही विस्टाडोम कोच वाली ट्रेन चला रखी है. इन डिब्बों को कालका शिमला रूट पर हिम दर्शन एक्सप्रेस ट्रेन में चलाया जा रहा है. विस्टाडोम कोच वाली हिम दर्शन एक्सप्रेस (52459/52460) का उद्घाटन कालका-शिमला रूट पर 25 दिसंबर 2019 को किया गया था.

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इन खास डिब्बों में यात्रा के कई हैं फायदे

Vistaadom Coach में बैठे यात्री विशाखापट्टनम और अरकू के बीच घाटी की खूबसूरती को यात्री करीब से देख सकें. इन डिब्बों में बड़ी खिड़की और पारदर्शी कांच की छत से यात्री सफर के दौरान प्रकृति को करीब से देखने का मौका मिलेगा. यह ट्रेन पर्यटकों को सफर का एक नया अनुभव देती है. 40 सीट वाले इस कोच की अनूठी खासियत यह है कि इसमें लगी सीटें 360 डिग्री तक घूम सकती हैं, जिससे यात्रियों को बेहतर नजारे का अनुभव मिलेगा. इस कोच की छत भी शीशे की बनी है. कोच में दिव्‍यांगों के लिए साइड डोर भी उपलब्ध है. साथ ही कंपार्टमेंट में ऑटोमैटिक दरवाजे भी लगाए गए हैं. सभी कोच में एलईडी लाइट लगी हैं. इसके अलावा पैसेंजर्स तक जल्दी सूचना पहुंचाने के लिए जीपीसी आधारित सूचना प्रणाली का उपयोग किया गया है.