कश्मीर घाटी में घूमना होगा और आसान, रेलवे ने लिया ये फैसला
भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने कश्मीर घाटी के लोगों को सोमवार को बड़ा तोहफा दिया. घाटी में पिछले तीन महीने से बंद चल रही रेल सेवा सोमवार से बहाल की दी गई. जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद माहौल को देखते हुए रेल सेवाओं को पूरी तरह से कैंसिल कर दिया गया था.
भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने कश्मीर घाटी के लोगों को सोमवार को बड़ा तोहफा दिया. घाटी में पिछले तीन महीने से बंद चल रही रेल सेवा सोमवार से बहाल की दी गई. जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद माहौल को देखते हुए रेल सेवाओं को पूरी तरह से कैंसिल कर दिया गया था. कश्मीर घाटी में 137 किमी लंबे रेल मार्ग पर रोज लगभग 26 जोड़ी डीएमयू ट्रेन चलती जाती हैं.
घाटी में फीर से दौड़ेगी ट्रेन
सोमवार को, भारतीय रेलवे और सुरक्षाबलों के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में इस सेवा को पूरी तरह से शुरू करने से पहले एक ट्रायल रन किया गया. जम्मू-कश्मीर में अनुछेद 370 हटने के बाद जो माहौल बन गया था उसे रेलवे अधिरकियों को लगा था की रेल को पटरी पर दौड़ना सुरक्षित नहीं इस लिए 5 अगस्त को ही जम्मू के बानिहाल से उत्तरी कश्मीर के बरमुल्हा तक चलने वाली रेल सेवा को बांध किया गया था. लेकिन आज सुरक्षा समीक्षा के बाद श्रीनगर से बरमुल्हा तक इसको एक ट्रायल रन के जरिया शुरू किया गया. रेलवे अधिकारीयों ने इसे कश्मीर के लोगों की लाइफ लाइन कहते हुवे कहा कि लोगों को चाहिए इसकी सुरक्षा खुद करे.
बर्फबारी से हो रही है मुश्किल
घाटी में रेल सेवाओं को बहाल करने के लिए रेलवे को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल घाटी में बर्फबारी हो चुकी है. पटरियों पर मोटी बर्फ जमी है. इस बर्फ को साफ कर ट्रेनों को चलाया जाएगा. सोमवार को श्रीनगर से बारामुला के बीच ट्रेन का ट्रायल भी किया जा चुका है. मंगलवार से नियमित रूप से ट्रेनें रफ्तार भरेंगी.
हालात का जायजा लेने के बाद लिया गया फैसला
डिवीजनल कमिश्नर बसीर अहमद खान ने रेलवे से ट्रेन सेवा को चलाने को कहा था. घाटी में हालात और सुरक्षा का जायजा लेने के बाद ट्रेनें चलाने का फैसला लिया गया है. पहले एक से दो डीएमयू ट्रेन चलाई जाएंगी. हालात सामान्य रहने पर और ट्रेनों को चलाया जाएगा.
कश्मीरियों के लिए ये ट्रेन जीवन रेखा है
रेलवे के एरिया मैनजेर सुधीर कुमार ने इस मौके पर कहा कि सरकार ने आम आदमी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ उपाय किए थे. कश्मीरियों के लिए, ट्रेन एक जीवन रेखा है. कम समय में यात्रा करने के लिए यह एक सस्ता माध्यम भी है. हमारी ट्रेनें सुरक्षित हैं और पटरियों को कोई नुकसान नहीं हुआ है. ट्रायल लेने से पहले सुरक्षा एजेंसियों ने रेल सेवा को फिर से शुरू करने की हरी झंडी दे दी. इस कदम का आम लोगों ने स्वागत किया है क्योंकि उन्हें सड़क के माध्यम से वह अपने रोज़ मरहा के कामों में उनको दिखाते आती हैं मगर रेल ने उनके जीवन को आसान किया हैं. ट्रैन के जरिए हर रोज़ हज़ारों की संख्या में लोग कश्मीर में सफर करते हैं एक तो उनका समय बच जाता हैं और ये सफर सड़क की तुलना में सस्ता भी पड़ता है. एक अनुमान के मुताबिक ट्रेन सप्ताह में छह दिन में लभग से लगभग 30,000 यात्री सफर करते हैं. इनमें ज्यादातर छात्र और कर्मचारी होते हैं जो बनिहाल और बारामुला के बीच सफर करते हैं.