भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने चालू वित्त वर्ष (फरवरी तक) के दौरान कोयले की ढुलाई (Coal Transportation) में शानदार बढ़ोतरी हासिल की है. भारतीय रेल ने टनभार में 11.92 प्रतिशत और एनटीकेएम (net tonne-kilometers) के मामले में 24.51 प्रतिशत की बढ़त हासिल की है. चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-फरवरी) में अलग-अलग स्रोतों से पावर सेक्टर के लिए रेकों की लोडिंग पिछले साल की तुलना में 64 रेक प्रतिदिन की बढ़ोतरी के साथ 408 रेक प्रतिदिन हो गई है. बताते चलें कि पिछले साल इसी अवधि के दौरान भारतीय रेल ने 344 रेक प्रतिदिन कोयले की लोडिंग की थी.

फरवरी 2022 के मुकाबले फरवरी 2023 में बढ़ी कोयले की लोडिंग

फरवरी 2022 में 399 रेक प्रतिदिन की तुलना में 27.3 रेक प्रतिदिन की बढ़ोतरी के साथ फरवरी 2023 के महीने में पावर हाउस के लिए रोजाना 426.3 रेक की लोडिंग की गई. आने वाले वित्त वर्ष में पावर सेक्टर द्वारा रेकों की अनुमानित मांग को पूरा करने के लिए भारतीय रेल द्वारा कई बड़े कदम उठाए गए हैं.

  • कोयला ले जाने वाले वैगनों का अपेक्षाकृत समावेश- अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 के दौरान 7692 बीओएक्सएनएचएल और 1052 बीओबीआरएन वैगनों को शामिल किया गया है. करीब 32,534 बीओएक्सएनएचएल और 2450 बीओबीआरएन वैगनों के मांगपत्र लंबित हैं.
  • चालू वित्त वर्ष के दौरान, फरवरी 2023 के अंत तक भारतीय रेल के बेड़े में 1018 माल ढुलाई करने वाले इंजन शामिल किए गए हैं. इंजनों की संख्या में ये बढ़ोतरी जारी रहने की उम्मीद है.
  • वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 4500 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइनों, जिनमें से अधिकांश कोयला की ढुलाई वाले रूट पर स्थित हैं, पर आवाजाही शुरू होने की उम्मीद है. इससे कोयला ले जाने वाले रेक के मामले में शानदार बदलाव और बेहतर होगा.
  • अगले कुछ सालों में बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए करीब 100 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स में एक लाख करोड़ रुपये के नियोजित निवेश के साथ एनर्जी कॉरिडोर की व्यापक योजना बनाई गई है.