Railway Engineers Territorial Army: भारतीय रेलवे अपनी सेना के पांच यूनिट को बंद करने का फैसला किया है. रेल मंत्रालय (Railways Ministry) से मंजूरी मिलने के बाद रेलवे अपने इंजीनियर्स टेरिटोरियल आर्मी रेजिमेंट (Engineers Territorial Army Regiments) के 6 में से 5 यूनिट को बंद करने का फैसला किया है. इनमें झांसी, कोटा, आद्रा, चंडीगढ़ और सिकंदराबाद में स्थित रेजिमेंट को बंद किया जा रहा है. वहीं जमालपुर में स्थित रेलवे इंजीनियर रेजिमेंट (Territorial Army) को न्यू जलपाईगुड़ी-सिलीगुड़ी-न्यूमल-अलीपुरद्वार-रंगिया मार्ग पर ऑपरेशन के लिए रखा जाएगा.

1949 में हुआ था गठन

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रेलवे टेरिटोरियल आर्मी (TA) यूनिट को 1949 में टेरिटोरियल आर्मी एक्ट, 1948 (Territorial Army Act, 1948), के तहत एक सहायक बल के रूप में बनाया गया था. इसका उद्देश्य संकट के समय रेलवे कम्यूनिकेशन को बनाए रखना है और इसी के साथ शांति के समय देश में आवश्यक रेलवे ट्रांसपोर्टेशन को बनाए रखना है. इस टेरिटोरियल आर्मी ने 1965 और 1971 के युद्ध में भी अपनी सेवा दी है.

टेरिटोरियल आर्मी (Territorial Army) मुख्य रूप से सेवारत रेलवे कर्मियों द्वारा रेगुलर आर्मी से निकाले गए कुछ कर्मचारियों द्वारा चलाया जाता है.

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टेरिटोरियल आर्मी की उपयोगिता की समीक्षा

रेलवे मिनिस्ट्री (Railways Ministry) ने बताया कि छह रेलवे इंजीनियर्स टेरिटोरियल आर्मी रेजिमेंट की वर्तमान में इनकी उपयोगिता की समीक्षा के लिए तीन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स और प्रिंसिपल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर की एक समिति का गठन किया गया था. समिति ने रेलवे टीए रेजिमेंट के ऑपरेशन की जरूरतों का पुनर्मूल्यांकन किया.

रेलवे मिनिस्ट्री ने एक बयान में कहा कि इस समिति की सिफारिशों के आधार पर और रक्षा मंत्रालय और टेरिटोरियल आर्मी (Territorial Army) के डायरेक्टोरेट जनरल की सहमति से, रेल मंत्रालय ने झांसी, कोटा, आद्रा, चंडीगढ़ और में स्थित पांच रेलवे इंजीनियर प्रादेशिक सेना रेजिमेंट को भंग करने का निर्णय लिया है. 

 

9 महीने के अंदर होगा विघटन

मिनिस्ट्री ने बताया कि 3 जून, 2022 को रेल मंत्रालय (Railways Ministry) के पत्र जारी होने की तारीख से 9 महीने की अवधि के भीतर टेरिटोरियल आर्मी DG द्वारा विघटन की प्रक्रिया पूरी की जानी है और इसके लिए DGTA से परामर्श लिया जाना है.