Railway Employees mental health Helpline: भारतीय रेलवे अपने कर्मचारियों के मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए बहुत जल्द एक टोल फ्री नंबर और ऐप लॉन्च करने वाली है. रेलवे कर्मचारियों के सबसे बड़े संघ 'ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन" (AIRF) के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने गुरुवार को बताया कि संघ ने देशभर में 125 ऐसे लोगों को चुना है, जिनसे रेलवे कर्मचारी मानसिक तनाव (Mental Stress) होने पर बात कर सकेंगे. ये आपकी बात सुनकर आपको सही सलाह देंगे.

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रेलवे कर्मचारियों के संघ ने कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर 'वेलबीइंग' वेबीनार का भी आयोजन किया. जिसमें मिश्रा ने कहा, "जल्द ही एक टोल-फ्री नंबर भी शुरू किया जाएगा, जिसके माध्यम से हम सीधे कर्मचारियों और उनके परिवारों को सलाह भी दे सकते हैं. हम जल्द ही पोस्टर और अन्य जागरूकता सामग्री प्रकाशित करेंगे."

कर्मचारियों को होता है मानसिक तनाव

उन्होंने वेबीनार के दौरान कहा, "आज जब कोई रेलवे कर्मचारी काम पर जाता है तो वह बहुत खुशी से जाता है, लेकिन जब वह वापस आता है तो चिड़चिड़ा रहता है. तो यह काम के घंटों के कारण या कार्यस्थल पर समस्याओं के कारण हो सकता है." 

कोरोना के दौरान मुश्किल था काम

उन्होंने यह भी कहा कि जब कोरोना वायरस महामारी के दौरान रेलवे कर्मचारी काम करते थे, तो उनका पूरा परिवार हर दिन बुरी खबर आने की आशंका से परेशान रहता था. 

मिश्रा ने कहा, "ऐसे में सिर्फ रेलवे कर्मचारी ही नहीं बल्कि पूरा परिवार तनाव में रहता था. कई जगहों पर आत्महत्या जैसी घटनाएं हो चुकी हैं. यही वजह है कि एआईआरएफ ने फैसला किया है कि अब हम कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी काम करेंगे."

तनाव को काबू में करना जरूरी

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके त्रिपाठी ने कहा कि रेलवे कर्मियों के लिए यह जरूरी है कि वे तनाव के कारणों पर खुद विचार करें. 

उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि एक रेलवे कर्मचारी का काम बहुत संवेदशील होता है. इसलिए यदि वह किसी भी तरह के तनाव में रहता है, तो निश्चित रूप से उसका काम प्रभावित होगा. हमें तनाव के कारणों को पहले से ही खत्म करने पर भी विचार करने की जरूरत है, इसके लिए योग और ध्यान को भी अपनाया जा सकता है.