भारतीय रेलवे स्वच्छता को ले कर बड़े पैमाने पर अभियान चला रहा है. साथ ही पटरियों को मेंटेन करने को ले कर भी काफी जोर दिया जा रहा है. दक्षिण पश्चिम रेलवे में सीनियर सेक्शन इंजीनियन सैफी काजी द्वारा खुद पहल करते हुए पटरियों का बेहतरीन मेंटिनेंस करने के साथ ही स्टेशन व आसपास के हिस्से को खूबसूरती से सजाया गया. इसके लिए दक्षिण पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक की ओर से उन्हें 5000 रुपये का इनाम भी देने की घोषणा की गई है.

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पटरियों को सजाने के लिए किए कई काम

पटरियों व स्टेशन परिसर को सजाने के लिए उन्होंने रेड आक्साइड पेंट इस्तेमाल किया. उन्होंने पटरियों के साथ ही ब्लास्ट को भी बेहद खूबसूरती से सजाया है. उन्होंने मुगाड स्टेंशन को बेहद खूबसूरती से सजाया है. रेलवे की ओर से देश के कई हिस्सों में पटरियों को सेमी हाई स्पीड रेलगाड़ियों के लिए भी तैयारी किया जा रहा है. रेलवे ने रेलगाड़ियों की गति बढ़ाने व सुरक्षित परिचालन के लिए देश भर में विभिन्न जगहों पर कुल मिलाकर लगभग 3000 किलोमीटर लम्बी बाउंड्री वाल बनाने का निर्णय लिया गया है. रेलवे की ओर से इस प्रोजेक्ट पर लगभग 2500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. रेलवे की ओर से पटरियों के दोनों ओर लगभग 2.7 मीटर की बाउंड्री वॉल बनाई जाएगी.यह बाउंड्री वाल आरसीसी की बनाई जाएगी. इस काम के लिए टेंडर अगले महीने दे दिए जाएंगे.

बाउंड्री बनाने से ये मिलेगा लाभ

रेलवे की ओर से इस तरह बाउंड्री पटरियों के दोनों तरफ बनाए जाने से जहां पटरी पार करते समय होने वाले हादसों से राहत मिलेगी वहीं आवारा पशुओं को भी पटरियों से दूर रखा जा सकेगा. इससे रेलगाड़ियों से होने वाले हादसों में कमी आएगी. वहीं दूसरी तरफ रेलवे की गाड़ियों की गति बढ़ाने की परियोजना व सेमी हाई स्पीड गाड़ियों को चलाने की योजना को फायदा मिलेगा. गौरतलब है कमिश्नर रेलवे सेफ्टी ने भी गतिमान एक्सप्रेस को चलाने की अनुमति दिए जाने के पहले कई जगहों पर बाउंड्री वाल बनाने बनाने के लिए कहा था. गतिमान एक्सप्रेस को 160 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलाया गया था.

कई जोनों ने पहले से दे रखा है प्रस्ताव

रेलवे के विभिन्न जोनल रेलवे ने विभिन्न जगहों पर जहां हादसे अधिक होते हैं ऐसी जगहों की पहचान कर एक प्लान पहले से रेलवे को दे रखा है. इन जगहों पर लगभग 2000 किलोमीटर लम्बी दिवारें बनाने का प्रस्ताव था. इस काम के लिए वर्ष 2018-19 के बचट में लगभग 650 करोड़ रुपये दिए जाने की बात कही गई थी. यह पैसा रेलवे संरक्षा कोष के तहत दिया जाना है. रेलवे की ओर से रेल यात्रियों की सुरक्षा व सुरक्षित रेलगाड़ियों के परिचालन को ध्यान में रखते हुए 01 लाख करोड़ रुपये का फंड अगले पांच सालों के लिए रेल संरक्षा कोष में रखा है.