Indian Railways: 77 फीसदी रेल लाइन का इलेक्ट्रिफिकेशन पूरा, 8 साल में इलेक्ट्रिफाई हुआ 30,585 किलोमीटर नेटवर्क
Electrification of Indian Railways: तरक्की की पटरियों पर रफ्तार भर रही भारतीय रेल अपने खर्च में कटौती कर आमदनी बढ़ाने की दिशा में लगातार तेजी से काम कर रही है. भारत में मौजूद रेल लाइनों को तेजी से इलेक्ट्रिफाई किया जा रहा है ताकि डीजल इंजन पर निर्भरता को धीरे-धीरे खत्म किया जा सके. इससे डीजल पर खर्च होने वाली मोटी रकम तो बचेगी ही, इसके साथ ही पर्यावरण को भी सुरक्षा मिलेगी.
Electrification of Indian Railways: तरक्की की पटरियों पर रफ्तार भर रही भारतीय रेल, अपने यात्रियों को बेहतर रेल सेवाएं देने के साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा और खर्च में कटौती कर आमदनी बढ़ाने की दिशा में भी लगातार तेजी से काम कर रही है. भारत में मौजूद रेल लाइनों को तेजी से इलेक्ट्रिफाई किया जा रहा है ताकि डीजल इंजन पर निर्भरता को धीरे-धीरे खत्म किया जा सके. इससे डीजल पर खर्च होने वाली मोटी रकम तो बचेगी ही, इसके साथ ही पर्यावरण को भी सुरक्षा मिलेगी. बताते चलें कि भारतीय रेल का नेटवर्क विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. इंडियन रेलवे सिविल इंजीनियरिंग पोर्टल के मुताबिक भारतीय रेल की कुल रूट लंबाई 67,956 किलोमीटर है, जिसमें से 52,247 रूट किलोमीटर इलेक्ट्रिफाई हो गया है. यहां हम आपको बताएंगे कि भारत में कब, कितने किलोमीटर लंबी रेल लाइन का इलेक्ट्रिफिकेशन किया गया.
रेल मंत्रालय ने जारी किए रेल लाइन इलेक्ट्रिफिकेशन के आंकड़े
रेल मंत्रालय ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर रेल लाइन इलेक्ट्रिफिकेशन से जुड़ी बेहद ही रोचक जानकारी शेयर की है. मंत्रालय ने भारतीय रेल के इलेक्ट्रिफिकेशन का ट्रेंड शेयर किया है, जिसमें साल 1951 से लेकर 31 जुलाई, 2022 तक का ट्रेंड है. रेल मंत्रालय के मुताबिक साल 1951 से 2014 तक यानी 63 सालों में भारतीय रेल का कुल 21,413 किलोमीटर रूट ही इलेक्ट्रिफाई हो पाया था. जबकि साल 2014 के बाद से लेकर 31 जुलाई, 2022 तक यानी करीब 8 साल में रेलवे का 30,585 किलोमीटर इलेक्ट्रिफाई किया जा चुका है. इसका सीधा मतलब ये हुआ कि भारतीय रेल के कुल 67,956 रूट किलोमीटर लंबे नेटवर्क का 77 फीसदी यानी 52,247 रूट किलोमीटर रेल नेटवर्क का इलेक्ट्रिफिकेशन किया जा चुका है. यही वजह है कि अब आपको डीजल से चलने वाले लोकोमोटिव यानी रेल इंजन भी बहुत कम ही देखने को मिलते हैं.
साल | रूट किलोमीटर |
1951 | 388 |
1961 | 748 |
1971 | 3,706 |
1981 | 5,345 |
1991 | 9,968 |
2001 | 14,856 |
2011 | 19,607 |
2014 | 21,801 |
2019 | 34,319 |
2021 | 45,881 |
2022 | 52,247 |
आंकड़े: रेल मंत्रालय
80 फीसदी से ज्यादा ब्रॉड गेज रेल नेटवर्क हो चुका है इलेक्ट्रिफाई
बताते चलें कि रेल मंत्रालय देश भर में उपलब्ध रेलवे नेटवर्क को इलेक्ट्रिफाई करने के लिए Mission 100 Percent Electrification चला रहा है. इस मिशन के तहत भारतीय रेल दिन-रात काम कर रही है. इसके अलावा जहां भी रेल लाइन का दोहरीकरण किया जा रहा है या जहां नई लाइन बिछाई जा रही है, वहां साथ ही साथ लाइन को इलेक्ट्रिफाई किया जा रहा है. 3 अप्रैल, 2022 को रेल मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक देश भर के कुल 65,414 रूट किलोमीटर लंबे ब्रॉड गेज नेटवर्क का 80 फीसदी यानी 52,247 रूट किलोमीटर का इलेक्ट्रिफिकेशन किया जा चुका है. भारतीय रेल का ईस्ट कोस्ट रेलवे जोन और वेस्ट सेंट्रल रेलवे जोन 100 पर्सेंट इलेक्ट्रिफाई किया जा चुका है.