भारतीय रेलवे इन दिनों कमाई के लिए यात्री किराए के अलावा दूसरे तरीकों पर जोर दे रही है. ऐसे में मुंबई रेलवे ने उबर (Uber) और ओला (Ola) जैसी ऐप आधारित कैब सर्विस से करोड़ों रुपये कमाए हैं. इस तरह ये ऐप आधारित टैक्सी सर्विस रेलवे के लिए कमाई का नया साधन बन गई हैं. रेलवे राज्य मंत्री राजन गोहाई ने एक सवाल के जवाब में बताया कि रेलवे को ऐप आधारित कैब सर्विस से पार्किंग शुल्क के रूप में 2018-19 के दौरान 21 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है.

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दरअसल रेल यात्रियों को अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए रेलवे स्टेशन से कैब की जरूरत होगी है. इसलिए ऐप आधारित कैब कंपनियां चाहती हैं कि उन्हें स्टेशन के बाहर की पार्किंग के लिए जगह मिल जाए, ताकि वे चंद मिनटों में अपने ग्राहकों तक पहुंच सकें. रेलवे स्टेशन पर ये जगह देने के लिए रेलवे उनसे पार्किंग शुल्क लेता है.

रेलवे ने मुंबई डिविजन में ऐप आधारित कैब्स के लिए पार्किंग स्पेस की मंजूरी दी है. रेलवे द्वारा दी गई मंजूरी के मुताबिक एक साथ 10 से अधिक कैब को पार्किंग में नहीं खड़ा किया जा सकता है. रेलवे ने उन्हें ओला और उबर जैसे कैब्स को केवल पार्किंग स्पेस दिया है और उनके परिचालन में रेलवे की कोई भागीदारी नहीं है. इसके बावजूद अगर किसी यात्री को स्टेशन पर कैब सर्विस से कोई शिकायत है, तो वो स्टेशन मास्टर के पास शिकायत दर्ज करा सकता है.