रेलवे ने लोअर बर्थ को लेकर बदला नियम, मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में सफर करने वालों के लिए आई खुशखबरी
Indian Railways: ट्रेनों में पैसेंजर्स को आरामदायक सफर देने के लिए रेलवे ने उन्हें निचली बर्थ देने का नियम बनाया है. आइए जानते हैं किसे और कितना इन नियमों का फायदा मिलेगा.
Indian Railways: ट्रेन के सफर में दिव्यांगजनों की यात्रा को बेहतर और सुविधाजनक बनाने के लिए रेलवे ने एक बड़ा फैसला किया है. रेलवे ने मेल और एक्सप्रेस ट्रेन में दिव्यांग लोगों को विशेष रूप से निचली बर्थ देने को कहा है. इसके साथ ही दिव्यांग लोगों के साथ सफर कर रहे लोगों को भी निचली बर्थ देने का फैसला लिया गया है. बता दें कि अकेले या छोटे बच्चों के साथ सफर करने वाले बुजुर्गों और महिलाओं के लिए यह सुविधा ट्रेन में पहले से ही उपलब्ध है.
दिव्यांग लोगों के लिए कितनी सीट है आरक्षित?
रेलवे बोर्ड (Railway Board) ने 31 मार्च को अपने विभिन्न जोन को जारी आदेश में कहा है कि स्लीपर क्लास में चार सीट (दो निचली और दो मध्य सीट), AC3 डिब्बे में दो सीट (एक निचली और एक मध्य सीट), AC3 (इकोनॉमी) डिब्बे में दो सीट (एक निचली और एक मध्य सीट) दिव्यांग लोगों और उनके परिचारकों के लिए रिजर्व्ड होगी.
रेलवे बोर्ड के आदेश के मुताबिक, गरीब रथ ट्रेन में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए दो निचली सीट और दो ऊपरी सीट रिजर्व रखने का प्रावधान किया गया है. हालांकि, इस सुविधा के लिए उन्हें पूरा किराया देना होगा. इसके अलावा, 'एसी चेयर कार' ट्रेन में भी दो सीट दिव्यांग लोगों के लिए आरक्षित रहेंगी.
बिना मांगे कंफर्म लोअर बर्थ देती है रेलवे
अश्विनी वैष्णव लोकसभा में एक लिखित जवाब में बता चुके हैं कि सिनियर सिटीजन को ट्रेन में कंफर्म लोअर बर्थ देने के लिए रेलवे में अलग से प्रोविजन है. रेलवे के नियमों के मुताबिक, सीनियर सिटीजन, 45 साल और उससे अधिक आयु की महिला पैसेंजर्स की तरफ से कोई ऑप्शन चुने बिना ही उन्हें निचली बर्थ देने का प्रोविजन है. हालांकि इसमें इस बात पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है कि बुकिंग के वक्त एकोमेडेशन उपलब्ध हो.
जानिए रेलवे का नियम
इसके तहत, सीनियर सिटीजन, 45 साल और उससे अधिक उम्र की महिलाओं और गर्भवती महिलाओं के लिए स्लीपर कैटेगरी में प्रत्येक कोच में 6 से सात लोअर बर्थ, 3एसी में प्रत्येक कोच में चार से पांच लोअर बर्थ, 2AC में प्रत्येक कोच में तीन से चार लोअर बर्थ का कोटा निर्धारित किया गया है.
उन्होंने बताया कि इसके अलावा ऑनबोर्ड टिकट चेकिंग स्टाफ द्वारा भी सीनियर सिटीजन, दिव्यांगजन और महिलाओं जिन्हें सिस्टम में अपर बर्थ दे दी गई, को अगर ट्रेन में कोई लोअर बर्थ खाली हो, तो दे देने का प्रोविजन बनाया गया है.
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