इंडियन रेलवे (Indian Railway) ने सभी प्रमुख रेलवे स्‍टेशनों पर अनाधिकृत पेयजल के ब्रांडों की बिक्री पर रोक लगाने का फैसला किया है. रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) ने कार्रवाई करते हुए 1371 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया और 69,000 बोतलों को जब्त किया है. मुहिम 'ऑपरेशन थर्स्ट' की शुरुआत 8-9 जुलाई को की गई और उल्लंघन करने वालों पर 6,80,855 रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

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एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में 4 पैंट्री कार मैनेजर शामिल हैं. रेलवे स्टेशनों के कई स्टालों को अनधिकृत ब्रांडों के पेयजल की बोतलों को पैक कर बेचते पाया गया है. भ्रष्टाचार की जड़ तक जाने के इरादे के साथ विशेष मुहिम में प्रिंसिपल चीफ सिक्युरिटी कमिश्नर लगातार कार्रवाई करेंगे.

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के कमर्शियल इंस्पेक्टर ने 1 आदेश जारी किया है. इसमें तय हुआ है कि अगर वेंडर के पास अनाधिकृत ब्रांड वाला पानी मिलता है तो उसे मुफ्त में यात्रियों को बांट दिया जाएगा. आदेश की कॉपी सभी स्टॉलों पर चिपका दी गई है. इसके मुताबिक रेल नीर और अन्य 6 मंजूर ब्रांड का पानी ही बेच सकते हैं. बिलासपुर मंडल के वाणिज्य विभाग ने यह नियम 1 माह पहले जारी किया था.

रेलवे ने अपने सभी जोनल प्रिंसिपल चीफ सिक्युरिटी कमिश्नरों (PCSC) को अनधिकृत पैक पेयजल ब्रांडों की बिक्री पर कार्रवाई करने को कहा है. अगर कोई वेंडर अनाधिकृत ब्रांड का पानी बेचते हुए दिखाई देता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाए और कार्रवाई हो.