इंडियन रेलवे का मेगा प्लान, कारखानों में डॉक्टरों के लिए तैयार किया जाएगा सुरक्षा कवच
कोरोना वायरस (coronavirus outbreak in india)covid 19 के संक्रमण को रोकने के लिए देश के डॉक्टर हर संभव प्रयास कर रहे हैं. डॉक्टरों की मदद के लिए भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने बड़ा फैसला लिया है. रेलवे ने हर रोज अपनी 17 कार्यशालाओं में अब लगभग एक हजार व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) बनाने का लक्ष्य तय किया है. रेलवे को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) से पीपीई को बनाने की मंजूरी मिल चुकी है
कोरोना वायरस (coronavirus outbreak in india) covid 19 के संक्रमण को रोकने के लिए देश के डॉक्टर हर संभव प्रयास कर रहे हैं. डॉक्टरों की मदद के लिए भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने बड़ा फैसला लिया है. रेलवे ने हर रोज अपनी कार्यशालाओं में अब लगभग एक हजार व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) बनाने का लक्ष्य तय किया है. रेलवे को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) से पीपीई को बनाने की मंजूरी मिल चुकी है . PPE रेलवे के अस्पतालों में कोरोना वायरस के इलाज में लगे रेलवे चिकित्सकों और पैरामेडिक्स को आवश्यक सुरक्षा उपलब्ध करायेगा. रेलवे ने एक बयान में कहा, रेलवे के चिकित्सकों और पैरामेडिक्स के लिए हर रोज इस तरह के एक हजार सुरक्षा उपकरण बनाने के लिए रेलवे में आवश्यक प्रबंध किये जा रहे है.
कोरोना मे इलाज में लगे डॉक्टरों को रेलवे देगा PPE
रेलवे कोरोना के इलाज में लगे देश के अन्य डॉक्टरों को भी 50 प्रतिशत PPE कपड़ों की आपूर्ति करने पर विचार कर रहा है. इन सभी के लिए जगाधरी से सामग्री खरीदी जा रही है जो पंजाब में कई बड़े कपड़ा उद्योगों के करीब स्थित है. यमुनानगर स्थित विक्रेता से कच्चे माल का स्रोत तय करने का निर्णय लिया गया है और इसे कपड़ा मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है. बयान में कहा गया है, ‘‘आने वाले दिनों में, उत्पादन सुविधाओं में और तेजी आ सकती है. कोरोना वायरस से निपटने में लगी अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा भारतीय रेलवे के इस कदम का स्वागत किया जा रहा है.
रेलवे ने बनाया वेंटिलेटर
भारतीय रेलवे (Indian Railways) की कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्ट्री ने एक वेंटिलेटर बनाया है. इस वेंटिलेटर का नाम जीवन रखा गया है. इस वेंटिलेटर को पूरी तरह से मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है. इस वेंटिलेटर की कीमत इतनी कम है कि आने वाले दिनों में ये कोरोना के मरीजों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकता है.
मात्र इतनी है कीमत
कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री की ओर से बनाए गए वेंटिलेटर जीवन की लागत मात्र 10 हजार रुपये है. इस सस्ते वेंटिलेटर 'जीवन को को The Indian Council of Medical Research(ICMR) से इसे मंजूरी मिलने का इंतजार है. इसके बाद इसका देश भर में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा सकता है.
देश में वेंटिलेटर की भारी कमी
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार के बीच एक रेलवे की कोच फैक्ट्री की ओर से तैयार किया गया ऐसा सस्ता वेंटिलेटर हजारों लोगों की जान बचाने में उपयोगी साबित हो सकता है. ब्रूकिंग्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में जीवनरक्षक वेंटिलेटर की भारी कमी है. अभी देश में उपलब्ध वेंटिलेटर की अधिकतम संख्या 57 हजार है. हालांकि यदि संक्रमण फैलता रहा तो खराब स्थिति में देश में 15 मई तक 1.10 लाख से 2.20 लाख वेंटिलेटर तक की जरूरत पड़ सकती है. अभी उपलब्ध वेंटिलेटर की कीमत पांच लाख रुपये से 15 लाख रुपये है.