ट्रेन के लोको पायलटों को रेलवे ने दिया बहादुरी का इनाम, लेकिन इस काम को करने के लिए किया मना
पूर्व मध्य रेलवे ने संबंधित विभागों को एक एडवाइजरी जारी कर ट्रेन चालकों को सलाह दी है कि वे किसी भी परिस्थिति में इंजन को बिना चालक के न छोड़ें. जानिए क्या है पूरा मामला.
पूर्व मध्य रेलवे ने संबंधित विभागों को एक एडवाइजरी जारी कर ट्रेन चालकों को सलाह दी है कि वे किसी भी परिस्थिति में इंजन को बिना चालक के न छोड़ें. इस एडवाइजरी में एक मामले का हवाला भी दिया गया, जहां चालक दल ने एक पुल पर ट्रेन में आई खराबी को ठीक किया और इसके लिये उसे नकद पुरस्कार दिया गया था. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उसी दिन डीआरएम ने दोनों को 10-10 हजार रुपये का पुरस्कार दिया.
वाल्मीकिनगर और पनियहवा के बीच रेलवे पुल पर आई गई थी खराबी
घटना 20 जून को उस समय हुई, जब ट्रेन संख्या 05497 (नरकटियागंज-गोरखपुर एक्सप्रेस) में बिहार के वाल्मीकिनगर और पनियहवा के बीच एक रेल पुल पर कुछ खराबी आ गई थी। चालक और सहायक चालक दोनों ही रेल के इंजन से बाहर निकले और पुल के किनारे-किनारे होते हुए उस स्थान पर पहुंचे जहां खराबी आई थी. खराबी हवा का दबाव (वैक्यूम) नहीं बन पाने के कारण आयी थी. दोनों ने ट्रेन में आई खराबी को ठीक किया, जिसके बाद ट्रेन आगे बढ़ी.
लोको पायलट को सख्ती से पालन करना होगा सामान्य नियम 4.61
25 जून को पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य विद्युत लोको इंजीनियर ने संबंधित विभागों को एक एडवाइजरी जारी कर लोको पायलट (इंजन ड्राइवर) को 'सामान्य नियम 4.61 का सख्ती से पालन करने की हिदायत दी.' इस नियम के तहत लोको पायलट ड्यूटी अवधि के दौरान इंजन को बिना चालक के नहीं छोड़ सकते. एडवाइजरी के मुताबिक, कभी-कभार अगर ट्रेन में कोई खराबी आ जाती है और ट्रेन ऐसी जगह रुक जाती है, जहां चालक के लिए उसे ठीक करने के लिए गड़बड़ी वाली जगह पर पहुंचना संभव नहीं होता है.
रेलवे के मुताबिक ऐसी स्थिति में चालक संबंधित अधिकारियों से इस मुद्दे पर चर्चा कर सकता है और समस्या को हल करने के लिए सहायता व दूसरा इंजन मंगवा सकता है. परामर्श में बताया गया कि चालक दल के सभी सदस्यों को इस नियम का पालन करने के लिए कहा जाना चाहिए.