बदल जाएगी Indian Railways की तस्वीर, जल्द पटरी पर दौड़ेंगी 40 नई 'वंदे भारत' एक्सप्रेस
आरडीएसओ को वंदे भारत की जांच के दौरान यह पता चला कि इस ट्रेन की बिजली खपत ज्यादा है और ट्रेन का वजन ज्यादा होने के कारण बिजली ज्यादा इस्तेमाल हो रही है. इसलिए सबसे पहले इस ट्रेन का वजन कम किया जाएगा.
मोदी सरकार भारतीय रेल की काया पलट करने में लगी हुई है. इस कड़ी में रेलवे स्टेशनों को चमकाना, रेलवे सुविधाओं को इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का बनाना, ट्रेनों की स्पीड बढ़ाना, बुलेट ट्रेन चलाना और ट्रेनों के रंग-रूप में बदलाव करना शामिल है. इतना ही नहीं सरकार वंदे भारत ट्रेन की संख्याओं में इजाफा करने जा रही है. अगले दो सालों में 40 नई वंदे भारत ट्रेन तैयार करने की योजना है. वंदे भारत को टी-18 भी कहा जाता है.
बंद है वंदे भारत का निर्माण
जानकारी के मुताबिक, रेल मंत्रालय ने टी-18 (ट्रेन 18) के नाम से मशहूर वंदे भारत ट्रेन सेट के निर्माण पर रोक लगाई हुई है. रेलवे सूत्र बताते हैं कि अभी वंदे भारत ट्रेन सेट में कुछ कमियां हैं, इन कमियों को दूर किया जा रहा है. फिलहाल इस ट्रेन सेट में बिजली की खपत इंटरनेशनल मानकों के मुकाबले ज्यादा है.
टी-18 बनाने वाली इंट्रीगल कोच फैक्टरी चेन्नई (आईसीएफ) को इसके निर्माण को लेकर कुछ शिकायतें मिली हैं, जिनके चलते इसके निर्माण को फिलहाल बंद कर दिया गया है.
साथ ही अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) को वंदे भारत की जांच के दौरान यह पता चला कि इस ट्रेन की बिजली खपत ज्यादा है और ट्रेन का वजन ज्यादा होने के कारण बिजली ज्यादा इस्तेमाल हो रही है. इसलिए सबसे पहले इस ट्रेन का वजन कम किया जाएगा. इन खामियों को पूरा करने के बाद अगले 2 साल के अंदर 40 नई वंदे भारत ट्रेन सेट का निर्माण किया जाएगा.
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ट्रेन का वजन कम होने से बिजली खपत कम होगी और ट्रेन की स्पीड में इजाफा होगा. बताया जा रहा है कि वंदे भारत ट्रेन की पेंट्री कार में भी बदलाव किया जाएगा. पेंट्री कार की कमियों को दूर किया जाएगा.