रेलवे इस स्टेशन को बनाएगा बड़ा इंटरचेंज, नई दिल्ली स्टेशन पर घटेगा ट्रेनों का बोझ
भारतीय रेलवे (Indian Railway) तिलकब्रिज रेलवे स्टेशन को लोकल ट्रेनों के लिहाज से बड़ा इंटरचेंज पॉइंट बनाने के प्लान पर काम करने जा रहा है. इसके तहत 3 जोड़ी ईएमयू ट्रेनों को यहां से शुरू किया जा सकता है, इस संबंध में रेलवे के दिल्ली डिविजन की ओर से प्रस्ताव तैयार किया गया है.
भारतीय रेलवे (Indian Railway) तिलकब्रिज रेलवे स्टेशन को लोकल ट्रेनों के लिहाज से बड़ा इंटरचेंज पॉइंट बनाने के प्लान पर काम करने जा रहा है. इसके तहत 3 जोड़ी ईएमयू ट्रेनों को यहां से शुरू किया जा सकता है, इस संबंध में रेलवे के दिल्ली डिविजन की ओर से प्रस्ताव तैयार किया गया है.
तैयार किया गया है ये प्लान
प्रस्ताव के अनुसार जो ईएमयू ट्रेनें नई दिल्ली या पुरानी दिल्ली जाती हैं उन्हें तिलकब्रिज स्टेशन तक ही चलाया जाएगा. इससे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का बोझ कम हो जाएगा. इस प्रयोग से ईएमयू ट्रेनों की स्पीड में भी सुधार होगा. इस प्रस्ताव को मंडल रेल प्रबंधक की ओर से एप्रुवल दे दिया गया है. अंतिम मंजूरी के लिए इस फाइल को हेडक्वाटर भेजा गया है.
तिलक ब्रिज स्टेशन से मिलेगी ये ईएमयू
फिलहाल पलवल से गाजियाबाद जाने वाली ईएमयू 64053 अभी तक नई दिल्ली से रिवर्स होकर तिलकब्रिज के रास्ते ही गाजियाबाद जाती है. रेलवे के दिल्ली डिविजन की ओर से तैयार किए गए प्रस्ताव के अनुसार इस ट्रेन को तिलकब्रिज के प्लैटफॉर्म नंबर-7 पर रोककर रिवर्स करके गाजियाबाद के लिए चलाया जाएगा. इसी तरह पलवल से टूंडला जाने वाली ईएमयू 64167 को भी इस तरह नई दिल्ली की जगह तिलकब्रिज से रिवर्स किया जाएगा. साहिबाबाद से पुरानी दिल्ली जाने वाली 64411 ईएमयू को तिलकब्रिज स्टेशन पर ही टर्मिनेट किया जाएगा. दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाली ईएमयू 64408 को तिलकब्रिज से शुरू किया जाएगा और ये ट्रेन आनंद विहार के रास्ते गाजियाबाद जाएगी.
नई दिल्ली पर घटेगा बोझ
रेलवे अधिकारियों का मानना है कि इस प्लान से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का ट्रेनों का बोझ कम होगा. अभी तक यह ईएमयू रिवर्स के चलते 20 से 30 मिनट तक नई दिल्ली स्टेशन के प्लैटफॉर्म पर खड़ी रहती है. ऐसे में कई बार प्लैटफॉर्म नहीं मिल पाने से अन्य ट्रेनों को आउटर पर ही रोकना पड़ता है. तिलकब्रिज पर शुरू किए जा रहे नए प्रयोग से यह समस्या दूर हो जाएगी. इसके अलावा नई दिल्ली की तुलना में तिलकब्रिज पर रिवर्स करने में ट्रेनों को कम समय लगेगा, जिससे कि ईएमयू ट्रेनों की चाल में भी सुधार होगा.