Indian Railways: ओडिशा के बालासोर में हुए भयंकर ट्रेन हादसे के बाद रेलवे तेजी से ट्रेनों को वापस से ट्रैक पर लाने की कोशिश कर रही है. लेकिन इस दर्दनाक हादसे के ऊपर भी अलग-अलग खेमें में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. बीते दिन प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि इस भीषण हादसे के बाद से लोगों ने तेजी से अपने ट्रेन टिकट को कैंसिल कराना शुरू कर दिया है. हालांकि रेलवे ने इसका जवाब देते हुए इसे आधारहीन बताया है. ऐसे ही कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का दावा किया गया है कि देश में 98 फीसदी रेलवे ट्रैक देश में आजादी से पहले के समय के बने हुए हैं. तो क्या वाकई में देश में ट्रेनें अग्रेजों के जमाने के ट्रैक पर चल रही हैं. आइए जानते क्या है इसकी पूरी सच्चाई. 

क्या अंग्रेजों के बनाए ट्रैक पर दौड़ रही है ट्रेन

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आपको बता दें कि मीडिया के कुछ रिपोर्ट्स में इस बात का दावा किया गया है कि देश के रेलवे ट्रैक में से 98 फीसदी ट्रैक 1870 से 1930 के बीच बने हैं. इसका मतलब है कि आज के समय में जिस ट्रैक पर आपकी और हमारी ट्रेन चलती है, वह लगभग सभी ट्रैक अंग्रेजों को समय में बनी हुई है.

रेलवे ने बताई सच्चाई

रेलवे ने इन मीडिया रिपोर्ट्स को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. रेलवे के प्रवक्ता ने इस दावे को पूरी तरह से निराधार और तथ्यहीन बताया है. रेलवे ने कहा कि ऐसे मुश्किल वक्त में इस तरह के झूठे दावों की उम्मीद नहीं की जाती है.

हम इस लेख को निराधार और तथ्यों से रहित बताते हुए खारिज करते हैं। ऐसे संवेदनशील मोड़ पर गैर-जिम्मेदार पत्रकारिता की आपके कद के मीडिया हाउस से उम्मीद नहीं की जा सकती है। यहाँ रनिंग ट्रैक किलोमीटर की तुलना है:

क्या है सच्चाई

देश में 1950-51 में 59315 किलोमीटर ट्रैक थे, जो कि 2022-23 में बढ़कर 1,07,832 किलोमीटर हो गएं.

ट्रेन कैंसिलेशन के मामले बढ़े?

ओडिशा ट्रेन हादसे पर कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा, "बीते दिनों में ऐसी रेल दुर्घटना कभी नहीं हुई. सैकड़ों लोगों की जान चली गई और हजार से ज्यादा लोग घायल हैं. इस घटना ने सभी को दुख पहुंचाया है. दुर्घटना के बाद हजारों लोगों ने अपने टिकट कैंसिल कर दिए हैं. उन्हें लगता है कि ट्रेन में सफर सुरक्षित नहीं है."

IRCTC ने कांग्रेस के इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि ये आरोप तथ्यात्मक रूप से गलत है. ट्रेन का कैंसिलेशन नहीं बढ़ा है. इसके विपरीत ट्रेन का कैंसिलेशन 1 जून, 2023 को 7.7 लाख के घटकर 3 जून, 2023 को 7.5 लाख हो गया है.

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