भारतीय रेलवे में टिकट बुकिंग सिस्टम को दुरुस्त बनाने के लिए कई नियम बनाए जाते हैं और कई नियमों को संशोधित किया जाता है. लेकिन, सबसे जटिल इसमें लोगों को टिकट कैंसिलेशन का नियम लगता है, क्योंकि ज्यादातर लोग यह नहीं समझ पाते कि टिकट कैंसिल होने पर उन्हें कितना रिफंड मिलेगा? टिकट कब तक कैंसिल कराने पर कितना चार्ज लगता है? साथ ही अगर रिफंड क्लेम नहीं किया तो क्या पैसा डूब जाएगा? ऐसे ही कुछ यात्रियों के सवालों के जवाब यहां आपको मिल जाएंगे. दरअसल, रेलवे का पूरा कैंसिलेशन सिस्टम क्या है इसको समझना आसान है, बस टिकट बुक और टिकट कैंसिल कराते वक्त आपको इसे याद रखना होगा.

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क्या कहता है रिफंड का नियम

अगर किसी वजह से कोई भी यात्री अपनी यात्रा को रद्द करता है तो यह जरूरी है कि समय रहते टिकट कैंसिल करा लिया जाए. क्योंकि, जितनी देर आप कैंसिलेशन में लगाएंगे उतना ही कैंसिलेशन चार्ज बढ़ जाएगा या फिर कई मामलों में कुछ भी हाथ नहीं आएगा. आइये समझते हैं.

ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों के नियम अलग

अगर ऑनलाइन रिजर्वेशन कराया गया है और चार्ट बनने तक भी टिकट वेटिंग में ही है तो टिकट खुद कैंसिल हो जाएगा और रिफंड दो-तीन दिनों में उसी अकाउंट में आ जाएगा, जिसे पेमेंट के लिए इस्तेमाल किया गया था. यात्री ने अगर रिजर्वेशन सिस्टम काउंटर से टिकट बुक कराया है तो इसे कैंसिल कराने भी काउंटर पर ही जाना होगा. 

कन्फर्म टिकट कैंसिल कराया तो कितना चार्ज?

  • एसी फर्स्ट और एग्जिक्युटिव क्लास: 240 रुपए
  • एसी सेकंड और फर्स्ट क्लास: 200 रुपए
  • थर्ड एसी, इकोनॉमी और चेयरकार: 180 रुपए
  • स्लीपर: 120 रुपए
  • सेकंड क्लास सीटिंग: 60 रुपए
  • ट्रेन रवाना होने से 48 घंटे से 12 घंटे पहले तक: किराए का 25 फीसदी कटेगा
  • ट्रेन रवाना होने से 12 घंटे से लेकर 4 घंटे पहले तक: किराए का 50 फीसदी कटेगा
  • चार्ट बनने के बाद और ट्रेन रवाना होने के बीच: कोई रिफंड नहीं

वेटिंग और RAC टिकट कैंसिलेशन

काउंटर से खरीदा गया वेटिंग या आरएसी का टिकट कैंसिल कराने के लिए ट्रेन रवाना होने से आधा घंटा पहले टिकट रद्द कराना होता है. इसके लिए काउंटर पर ही जाना होगा. अगर ट्रेन रवाना होने के बाद पहुंचेंगे तो कोई रिफंड नहीं होगा. ऑनलाइन टिकट लेने पर वेटिंग की स्थिति में पैसा खुद अकाउंट में रिफंड हो जाएगा. वहीं, आरएसी कैंसिल कराने पर भी अकाउंट में ही पैसा आएगा.

रात में करानी हो टिकट कैंसिल?

कई बार ऐसी स्थिति होती है कि ट्रेन का समय देर रात या जल्दी सुबह का होता है. ऐसी स्थिति में काउंटर से लिए गए टिकट को कैंसिल कैसे कराया जाए. क्योंकि, रात 9 बजे से सुबह 6 बजे के बीच रेलवे टिकट काउंटर बंद रहता है. ऐसी स्थिति टिकट कन्फर्म नहीं होने पर सुबह काउंटर खुलने के दो घंटे के बाद तक रिफंड लिया जा सकता है. साथ ही दूसरा विकल्प यह है कि यात्री चाहे तो रात में ही 139 पर टिकट कैंसिल रिक्वेस्ट दर्ज करा सकता है. हालांकि, सुबह उसे तय अवधि के भीतर किसी भी काउंटर पर जाकर टिकट सरेंडर करना होगा.

तत्काल टिकटों कैंसिल कराया तो कितना रिफंड? 

तत्काल टिकट को कैंसिल कराने पर कोई रिफंड नहीं मिलता. हालांकि, कुछ स्थितियों में रेलवे ने पूरे रिफंड की व्यवस्था की है.

  1. जिस स्टेशन से ट्रेन बनकर चलती है अगर वहां से तीन घंटे से ज्यादा लेट हो तो रिफंड क्लेम किया जा सकता है. इसके लिए यात्री को टीडीआर यानी टिकट डिपॉजिट रसीद लेनी होगी. क्लेम की गई रकम 16 से 90 दिन के भीतर अकांउट में आती है. रकम वापस करते वक्त रेलवे सिर्फ क्लेरिकल चार्जेज काटता है.
  2. अगर ट्रेन का रूट बदल दिया गया है और यात्री उस रूट से यात्रा नहीं करना चाहता तो टिकट कैंसिल कराकर रिफंड क्लेम किया जा सकता है.
  3. अगर ट्रेन का रूट बदला गया है और यात्री का बोर्डिंग स्टेशन और डेस्टिनेशन स्टेशन उस रूट पर नहीं हैं तो भी रिफंड क्लेम किया जा सकता है.
  4. टिकट बुक होने के बाद रेलवे यात्री को बुक की गई रिजर्वेशन क्लास में यात्रा कराने में असमर्थ हो तो रिफंड क्लेम किया जा सकता है.  
  5. अगर रेलवे यात्री को रिजर्वेशन कैटेगरी से नीचे की कैटेगरी में यानी (1st एसी से 3rd एसी) लोअर कैटिगरी में सीट उपलब्ध कराता है, लेकिन पैसेंजर उस क्लास में यात्रा करना नहीं चाहता तो रिफंड क्लेम किया जा सकता है.
  6. अगर पैसेंजर लोअर क्लास में सफर करने को तैयार है तो उस स्थिति में रेलवे को उस पैसेंजर को किराए और तत्काल चार्ज के अंतर के बराबर रकम लौटानी होगी.

RAC टिकट पर रिफंड

अगर किसी यात्री के पास ऑनलाइन आरएसी का टिकट है और वह आरएसी पर यात्रा नहीं करना चाहता तो उसे ट्रेन रवाना होने से आधा घंटे पहले ऑनलाइन टिकट कैंसिल कराना होगा, नहीं तो रिफंड नहीं मिलेगा.