Trains in Winters: सर्दियां आते ही ट्रेनों की लेटलतीफी शुरू हो जाती है. घने कोहरे और खराब मौसम के बीच ट्रेनों की ये देरी कुछ मिनट से लेकर कई घंटों तक हो जाती है. ऐसे में पैसेंजर्स को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. हालांकि, ठंड के मौसम में पैसेंजर्स को होने वाली इन समस्याओं को रोकने के लिए रेलवे लगातार काम कर रही है. पूर्व मध्य रेल (East Central Railway) ने बताया कि ठंड के मौसम में घने कोहरे के बीच ट्रेन को चलाना लोको पायलट के लिए चुनौती भरा होता है. रेलवे ने इसके लिए सभी इंजनों में फॉग सेफ डिवाइस लगाने का फैसला किया है, जिससे ट्रेनों को समय पर चलाया जा सके.  

लोको पायलट के लिए लगे फॉग सेफ डिवाइस

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पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी बीरेंद्र कुमार ने कहा कि सभी इंजनों में फॉग सेफ डिवाइस लगाया गया है. ट्रेनों के सुचारू परिचालन के लिए पूर्व मध्य रेल के शत-प्रतिशत मेल, एक्सप्रेस एवं पैसेंजर ट्रेनों के लोको पायलटों के लिए फॉग सेफ डिवाइस का प्रावधान किया गया है. फॉग सेफ डिवाइस जीपीएस आधारित एक उपकरण है, जो लोको पायलट को आगे आने वाली सिग्नल की चेतावनी देता है. जिससे लोको पायलट ट्रेन की स्पीड नियंत्रित करते हैं.

फॉग मैन होंगे तैनात

उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त फॉग मैन भी तैनात किये जा रहे हैं, जो कोहरे के दौरान रेल लाइन पर सिग्नल की स्थिति की निगरानी करेंगे. रेल फ्रैक्चर से बचाव एवं समय पर इसकी पहचान के लिए उच्चाधिकारियों की निगरानी में रेलकर्मियों द्वारा निरंतर पेट्रोलिंग की जा रही है. लाइनमैन एवं पेट्रोलमैन को जीपीएस ट्रैकर (GPS Tracker) उपलब्ध कराया गया है जिससे उनकी खुद की भी सुरक्षा के साथ-साथ विशेष परिस्थिति में सूचनाओं को तत्काल भेजे जाने की सुविधा है.

सर्दियों के लिए किए गए ये इंतजाम

सिग्नलों की दृश्यता को बढ़ाने के लिए सिग्नल साइटिंग बोर्ड, फॉग सिग्नल पोस्ट, ज्यादा व्यस्त समपार के लिफ्टिंग बैरियर को भी एक विशेष रंग से रंगकर उसे चमकीला बनाया गया है. कुमार ने बताया कि स्टेशन मास्टरों तथा लोको पायलटों को निर्देश दिया गया है कि कुहासा होने पर इसकी सूचना तत्काल नियंत्रण कक्ष को दी जाये. इसके बाद दृश्यता की जांच वीटीओ (विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट) से करें.