ट्रेन ट्रैक पर पत्थर बिछे होते हैं, पर रेलवे स्टेशन की पटरियों पर नहीं... ऐसा क्यों? वजह जानकर चकरा जाएगा दिमाग
Indian Railways: आपने कभी नोटिस किया है कि रेलवे ट्रैक पर तो पत्थर लगे होते हैं लेकिन रेलवे स्टेशन की पटरियों पर ये गिट्टियां या पत्थर क्यों रखे जाते हैं. हालांकि आपने कई रेलवे स्टेशन (Railway Station) पर गिट्टियों को रखा देखा होगा, लेकिन वो छोटे रेलवे स्टेशन होंगे.
Indian Railways: अपने जीवन में आपने कभी ना कभी ट्रेन से तो सफर किया ही होगा. ट्रांसपोर्टेशन के मामले में भारतीय रेल का जवाब नहीं. लॉन्ग रूट की जर्नी हो तो कई बार लोग ट्रेन से सफर करने का प्लान बनाते हैं. इसके अलग-अलग कारण हो सकते हैं. हालांकि ट्रेन से सफर करते समय आपके रेलवे स्टेशन और पटरियों पर तो गौर फरमाया ही होगा. क्या आपने कभी नोटिस किया है कि रेलवे ट्रैक पर तो पत्थर लगे होते हैं लेकिन रेलवे स्टेशन की पटरियों पर ये गिट्टियां या पत्थर क्यों रखे जाते हैं. हालांकि आपने कई रेलवे स्टेशन (Railway Station) पर गिट्टियों को रखा देखा होगा, लेकिन वो छोटे रेलवे स्टेशन होंगे. अकसर बड़े रेलवे स्टेशन पर गिट्टियां या सफेद पत्थर को नहीं रखा जाता है. ऐसा क्यों? यहां इसका जवाब जानिए. लेकिन जवाब से पहले ये जरूर जान लें कि रेलवे ट्रैक (Railway Track) पर गिट्टियां या सफेद पत्थर क्यों लगाएं जाते हैं.
रेलवे ट्रैक पर क्यों बिछे होते हैं पत्थर
रेलवे ट्रैक पर बिछे पत्थर या सफेद गिट्टियों को बैलेस्ट कहा जाता है. जब ट्रेन ट्रैक पर दौड़ती है तो इस दौरान काफी तेज कंपन और शोर होता है. अब इस शोर को कम करने के लिए इन गिट्टियों को इस्तेमाल किया जाता है. ये गिट्टियां शोर को कम करती हैं.
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इसके अलावा ये गिट्टियां कंपन के समय ट्रैक के नीचे की पट्टी जिसे स्लीपर्स कहते हैं, उसे फैलने से रोकती हैं. अगर स्लीपर्स फैल जाएं तो ट्रेन पटरी से उतर सकती है और बड़ी दुर्घटना हो सकती है. बता दें कि इन गिट्टियों के रखरखाव में रेलवे का काफी खर्च आता है. ये गिट्टियां स्लीपर्स को मिट्टी में धंसने से भी बचाती हैं और इनकी वजह से ट्रैक पर घास-फूंस भी नहीं उगते हैं.
बड़े रेलवे स्टेशन की पटरी पर क्यों नहीं होते पत्थर
पहले के समय में ICF कोच में बने टॉयलेट में ओपन डिस्चार्ज सिस्टम हुआ करता था. इसका मतलब ये हुआ कि टॉयलेट से निकलकर गंदगी सीधा नीचे ट्रैक पर जाया करती थी. बड़े रेलवे स्टेशनों पर ट्रेन लंबे समय के लिए रुकती है. अब ऐसे में अगर कोई टॉयलेट का इस्तेमाल करता है तो उस समय गंदगी रेलवे स्टेशन पर गिरती है.
छोटे रेलवे स्टेशन पर होती हैं गिट्टियां
रेलवे स्टेशन के ट्रैक पर गंदगी गिरने से ट्रैक पर काफी गंदगी फैल जाती है. अगर रेलवे स्टेशन के ट्रैक पर भी गिट्टियां या पत्थरों को लगाया जाएगा तो वहां साफ-सफाई नहीं हो पाएगी और स्टेशन पर ही दुर्गंध फैल जाएगी, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. इसके उलट छोटे स्टेशनों पर ट्रेन लंबे समय के लिए नहीं रुकती, इसलिए वहां ज्यादा गंदगी भी नहीं फैलती. हालांकि अब रेलवे की ओर से कई ट्रेन में बायो टॉयलेट सिस्टम को लगाया जा रहा है, जिसके बाद ट्रैक पर गंदगी गिरनी बंद हो गई है.