Railway Privatization Update: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने शुक्रवार को कहा कि रेलवे के निजीकरण का कोई सवाल ही नहीं है और राष्ट्रीय परिवहन सेवा प्रदाता का ध्यान सभी को किफायती सेवा प्रदान करने पर है. रेल मंत्री ने यहां कहा कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लोग 400 रुपये से कम खर्च में 1,000 किलोमीटर तक आराम से यात्रा कर सकें. 

अगले 5 साल में होगा कंप्लीट मेकओवर

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उन्होंने यहां रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा, "अगले पांच वर्षों में रेलवे का पूर्ण कायाकल्प होगा. वंदे भारत, नमो भारत जैसी ट्रेनें, कवच ट्रेन सुरक्षा तंत्र की तैनाती इस बदलाव का नेतृत्व करेंगी. यह रेलवे के परिवर्तन का युग है." 

प्राइवेट हो जाएगी रेलवे?

वैष्णव ने कहा, "रेलवे के निजीकरण का कोई सवाल ही नहीं है. मैं ऐसी अफवाहें फैलाने वालों से आग्रह करता हूं कि वे याद रखें कि रेलवे और रक्षा भारत की दो रीढ़ हैं और उन्हें हर तरह की राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुनिश्चित किया है कि रेलवे का राजनीतिकरण बंद हो. उनका ध्यान प्रदर्शन, सुरक्षा, तकनीक और सभी को किफायती सेवा प्रदान करने पर है." 

10 साल में बिछी 31,000 किलोमीटर नई पटरियां

उन्होंने कहा कि वर्तमान में रेल बजट 2.5 लाख करोड़ रुपये है और पिछले 10 वर्षों में 31,000 किलोमीटर नयी पटरियां बिछाई गयी हैं, जो फ्रांस के नेटवर्क से भी अधिक है. आरपीएफ के बारे में उन्होंने कहा कि बल के क्षेत्रीय केंद्रों के उन्नयन के लिए 35 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं, जबकि सेवा नियमों और पदोन्नति से संबंधित विभिन्न मांगों पर विचार किया जा रहा है.