भारत में बनी पहली इंजनलेस ट्रेन टी-18 ट्रायल के लिए तैयार है. ये ट्रेन शताब्दी गाड़ियों की जगह लेगी. तकनीक के मामले में टी-18 रेलवे के लिए एक नई उड़ान साबित होने वाली है. ये ट्रेन चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्टरी में तैयार की गई है और शताब्दी गाड़ियों के मुकाबले इससे सफर करने में करीब 15% समय की बचत होगी. 

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इस ट्रेन में एक खासबात ये है कि इसमें टॉयलेट इंडीकेटर लगाया गया है, जिससे पता चल जाएगा कि टॉयलेट में कोई गया है या नहीं. इससे कुछ लोगों को दरवाजा पीटने से मुक्ति मिल जाएगी. इसके अलावा के दरवाजे तभी खुलेंगे, जब ट्रेन की स्पीड जीरो किलोमीटर होगी. यानी चलती ट्रेन में दरवाजे नहीं खलेंगे. ऐसे में किसी दुर्घटना की आशंका से बचा जा सकेगा.

यादगार सफर 

इस ट्रेन में दो एक्जीक्यूटिव कंपार्टमेंट लगे हैं. ट्रेन में हर उस पहलू पर ध्यान दिया गया है, जो आपके सफर को यादगार बनाए. जैसे इस ट्रेन का लुक बेहद शानदार है. इसमें जो चेयर दी गई हैं, वो बहुत आरामदायक हैं. कलर कॉम्बिनेशन ऐसा है, तो बहुत सुकून देता है. चलती ट्रेन में आगे बढ़ने के लिए हर सीट के साथ एक हैंडल दिया गया है, इसकी मदद से आप आसानी से आगे बढ़ सकते हैं.

 

ट्रेन के डिब्बों को भीतर सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. इन कैमरों की मदद से ट्रैन की रियल टाइम मॉनीटरिंग की जाएगी, ताकि यात्रा में किसी तरह की परेशानी न हो और आपके शिकायत करने से पहले ही समस्या का समाधान हो सके. 

इसके अलावा कोच के अंत में दोनों तरफ एलसीडी स्क्रीन लगाई गई हैं, जिसके जरिए यात्रा से जुड़ी हर जानकारी जैसे ट्रेन की स्पीड, बाहर का तापमान और अगला स्टेशन, आपको बताई जाएगी. कोच में एक आपातकालीन स्पीकर भी लगा है, जिसके जरिए आप किसी परेशानी की स्थिति में ड्राइवर तक अपनी बात पहुंचा सकते हैं. एक कोच से दूसरे कोच में जाने के लिए स्वचालित स्लाइडर दरवाजे लगाए गए हैं. इस तरह देखा जाए तो रेलवे ने यात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है.