भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए नए-नए कदम उठा रहा है. लोगों का सफर आसान और सुविधापूर्ण हो, इसके लिए अतिआधुनिक ट्रेन चलाई जा रही हैं. इंडियन रेलवे अपने आइसीएफ डिजाइन के पुराने कोच को नया रंग-रूप देकर उन्हें 'उत्कृष्ट' कोच में बदल रहा है. रेलवे बोर्ड के सदस्य राजेश अग्रवाल ने बताया कि देश में लगभग 50,000 आईसीएफ कोच हैं, जिन्हें उत्कृष्ट कोच में बदलने का काम तेजी से चल रहा है. 

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राजेश अग्रवाल ने बताया कि आईसीएफ कोच लगभग 50,000 हैं और ये महत्वपूर्ण गाड़ियों में चल रहे हैं. आईसीएफ डब्बों को ज्यादा सुविधासंपन्न बनाने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है. अब तक 100 गाड़ियों को उत्कृष्ट गाड़ी में बदला जा चुका है. 

उत्कृष्ट कोच के द्वारा ट्रेन को नया कलेवर देने का प्रयास किया गया है. ट्रेन के कोच को और अधिक सुविधाजनक बनाया जा रहा है. कोच में तमाम नए फीचर्स जोड़े जा रहे हैं. उत्कृष्ट कोच को नए आकर्षक रंगों से रंगा जाता है. कोच के अंदर विनायल रैपिंग होती है. 

 

उत्कृष्ट कोच के शौचालयों को भी आधुनिक बनाया गया है. पानी की खपत कम करने के लिए इसके फ्लैश के इस्तेमाल को सीमित किया गया है.

चेन्नै स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में निर्मित कोचों को अपग्रेड किया जा रहा है। रेलवे 40 हजार आईसीएफ कोचों को उत्कृष्ट बनाएगा। आधुनिक सुविधाओं के साथ ही इनमें कपलर बदलने और एलएचबी जैसे सेंट्रल बफर कपलर लगाए जा रहे हैं।

ICF कोच

ट्रेन में दिखने वाले नीले, लाल रंग के कोच को आईसीएफ कोच कहा जाता है. ICF कोच की स्पीड 70 से 140 किमी प्रति घंटा तक होती है. यह मेल एक्सप्रेस या सुपरफास्ट ट्रेनों में लगाए जाते हैं.