बिना इंजन ही पटरी पर हवा से बातें करेगी T-18, राजधानी-शताब्दी को पछाड़ेगी यह ट्रेन
देश में रेल क्रांति हो रही है. ट्रेनों की स्पीड बढ़ाई जा रही है और रेल के सफर को आरामदायक बनाने पर लगातार काम चल रहा है.
देश में रेल क्रांति हो रही है. ट्रेनों की स्पीड बढ़ाई जा रही है और रेल के सफर को आरामदायक बनाने पर लगातार काम चल रहा है. जल्द ही बुलेट ट्रेन भी हमारे यहां दौड़ती नजर आएगी. अब इस कड़ी में एक और नया नाम जुड़ने जा रहा है. वहा टी-18 ट्रेन. यह ट्रेन स्पीड में तो राजधानी और शताब्दी को तो पछाड़ेगी ही साथ ही इसका सफर किसी फ्लाइट से कम कतई नहीं होगा. खास बात यह है कि इस ट्रेन को पूरी तरह से भारत में ही तैयार किया जा रहा है, यानी यह मेक इन इंडिया का प्रोडेक्ट होगा. बताया जा रहा है कि यह टी-18 ट्रेन 160 किमी की स्पीड से पटरी पर दौड़ेगी. इसमें सफर करने वाला यात्री एक नया अनुभव लेंगे. चूंकि इस ट्रेन को इस साल तैयार किया जा रहा है, इसलिए इसे टी-18 नाम दिया गया है.
मेक इन इंडिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जोर मेक इन इंडिया पर है. इसी परियोजना के तहत इस ट्रेन को चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में तैयार किया जा रहा है. भारत में बनने के कारण आयातित किए जा रहे कोच की आधी कीमत पर इसके कोच तैयार हो रहे हैं. इस ट्रेन को तैयार करने का काम इतनी तेजी से चल रहा है कि दावा किया जा रहा है कि इसे इसी साल पटरी पर उतार देंगे.
बिना इंजन दौड़ेगी
टी-18 ट्रेन की खासीयत यह है कि यह बिना इंजन के 160 की स्पीड पर दौड़ेगी. अब आप कहेंगे कि यह कैसे संभव है. लेकिन यह संभव हुआ है. दरअसल, इसके हर कोच में कोच में पावर कार लगी है. और हर कोच इस ट्रेन को दौड़ने में अपनी ताकत लगाएगा. इसके कोच भी अलग-अलग नहीं होंगे और न ही इन कोचों को आगे-पीछे करके लगाया जा सकता है. यानी पूरी ट्रेन फिक्ड होगी. और पूरी ट्रेन एक सेट के रूप में पटरी पर दौड़ेगी.
वजन में हल्की लेकिन मजबूत होगी टी-18
मेट्रो ट्रेन की तरह यह टी-18 ट्रेन एक खास तरह के एल्यूमिनियम की बॉडी से तैयार हो रही है. यह एल्यूमिनियम हल्की लेकिन मजबूत है. इससे ट्रेन का वजन अन्य ट्रेन के मुकाबले काफी कम होगा.
शानदार और लग्जरी कोच
इस ट्रेन में 16 कोच होंगे. इनमें से 2 कोच एग्जीक्यूटिव होंगे और बाकि 14 कोच नॉन एग्जीक्यूटिव रहेंगे. नॉन एग्जीक्यूटिव कोच में 78 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है और एग्जीक्यूटिव कोच में 56 यात्रियों के बैठने का इंतजाम है. पूरी ट्रेन चेयरकार होगी. सीटों के बीच इतनी जगह दी गई है कि यात्री एक कोच से दूसरे कोच में आराम से जा सकते हैं.
वाईफाई और जीपीएस से होगी लैस
मेट्रो ट्रेन की तरह ही टी-18 ट्रेन के दोनों छोर पर ड्राइविंग केबिन होंगे और इसके हर कोच में व्हील चेयर की जगह होगी. इस सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है. इसमें डिस्चार्ज बायो वैक्यूम टॉयलेट की सुविधा दी गई है. टॉयलेट के साथ टचफ्री बाथरूम भी दिया गया है. यात्रियों को सामान रखने के लिए रैक भी अन्य ट्रेन के मुकाबले बड़ा दिया गया है. पूरे कोच में एक ही खिड़की दी गई है. यानी विंडो को पूरे कोच तक फैला दिया गया है उसमें पार्टिशन नहीं दिए गए हैं. इसमें मेट्रो की तरह सिंगल ग्लास पैनल लगाया गया है. हर कोच में ऑटोमैटिक दरवाजे लगाए गए हैं, जो सेंसर के काम करेंगे. जैसे ही यात्री दरवाजे के नजदीक जाएगा, दरवाजा आपने-आप खुल जाएगा. यह ट्रेन वाईफाई और जीपीएस से लैस होगी. इससे ट्रेन के सही समय के बारे में पता चल सकेगा.
इन रूट्स पर चलेगी टी-18
टी-18 ट्रेनों का परिचालन पांच से छह घंटे की दूरी वाले स्थानों के लिए किया जाएगा. फिलहाल इन ट्रेनों को पांच रूटों पर चलाए जाने की योजना है, जिसमें दिल्ली-चंडीगढ़, दिल्ली-कानपुर, दिल्ली-लखनऊ, मुंबई-पुणे और चेन्नई-हैदराबाद रूट शामिल है.