मध्यप्रदेश के बुरहानपुर ज़िले के नेपानगर विधानसभा के सागफाटा क्षेत्र में ट्रेन को डिरेल करने की साजिश को नाकाम किया गया है. अज्ञात बदमाशों द्वारा रेलवे में डेटोनेटर की मदद से ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश रची गई थी. घटना की जानकारी मिलने के बाद रेलवे और पुलिस के आला अधिकारियों ने सुरक्षा एजेंसियों के साथ घटनास्थल का मुआयना किया. सेना से जुड़ा मामला होने के चलते अधिकारियों द्वारा मामले को लेकर गोपनीयता बरती जा रही है.

डेटोनेटर पर ट्रेन गुजरने पर लोको पायलट हुआ सचेत  

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डेटोनेटर पर से ट्रेन गुज़रने के दौरान हुए धमाके से लोको पायलट सचेत हो गया. इसके बाद ट्रेन रोककर स्टेशन मास्टर को सूचना दी गई, जिसके चलते बड़ा हादसा टल गया. आपको बता दें कि रेलवे का खास डेटोनेटर, जो सिर्फ आवाज़ करने के लिए लगाया जाता है ताकि लोको पायलट अलर्ट हो सके. रेलवे ने बयान जारी कर कहा है कि ये फॉग डेटोनेटर्स थे, जो एक्सपायर हो चुके थे. रेलवे इस बात की जांच कर रही है कि इन्हें किसने और किन परिस्थितियों में इस्तेमाल किया है.

क्या काम करता है रेलवे का डेटोनेटर 

रेलवे के मुताबिक ये डेटोनेटर आतंकी घटनाओं में इस्तेमाल होने वाला डेटोनेटर नहीं था बल्कि रेलवे में रेगुलर इस्तेमाल होने वाला खास डेटोनेटर था. ट्रेन के लोको पायलट को अलर्ट करने के लिए ज़रूरत के मुताबिक इसका इस्तेमाल पटरी के पास आवाज़ करने के लिए किया जाता है. एक स्थान पर एक डेटोनेटर रखा जाता है। इस घटना में डेटोनेटर रेलवे की ओर से नहीं रखा गया था न रखा जाना था लेकिन, बदमाशों ने कहीं से रेलवे का ही एक्सपायर्ड डेटोनेटर हासिल करके दस एक साथ पटरी पर रख दिया था.

रेलवे ट्रैक पर मिला था गैस सिलेंडर

आपको बता दें कि कानपुर जिले के महाराजपुर थाना क्षेत्र में प्रेमपुर रेलवे स्टेशन के निकट रेल की पटरी पर रविवार सुबह एक गैस सिलेंडर मिला, जिसके बाद लोको पायलट (चालक) ने मालगाड़ी रोक दी. अधिकारी ने बताया कि यह घटना तब हुई जब मालगाड़ी कानपुर से प्रयागराज की ओर जा रही थी. लगभग एक महीने के भीतर यह तीसरी घटना है, जब रेल सेवा को बाधित करने की कोशिश की गई है. गौरतलब है कि बीते 18 सितंबर को आर्मी की स्पेशल ट्रेन को 10 डेटोनेटर लगाकर डिरेल करने की साज़िश थी.