Budget 2020 #BudgetOnZee में रेलवे की कई नई प्राइवेट ट्रेनें चलाने का ऐलान किया जा सकता है. सरकार कुछ निजी आप्रेटर्स को ये निजी ट्रेनें चलाने की जिम्मेदारी दे सकती है. प्राइवेट ट्रेनों के जरिए रेलवे लगभग 22000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना पर काम कर रही है. प्राइवेट पैसेंजर ट्रेनें ऑपरेट करने में इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर और ट्रांसपोर्टेशन सेक्‍टर की लगभग 20 कंपनियों ने दिलचस्‍पी दिखाई है. पिछले कुछ समय में रेलवे की ओर से इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी पैसा खर्च किया गया है. इसमें डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर (DFCC) से काफी उम्मीदें की जा रही हैं. माना जा रहा है कि रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर में इन सुधारों के बाद रेलवे को ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने और अधिक ट्रेनें चलाने में मदद मिलेगी. ऐसे में कई प्राइवेट ट्रेनें चलाने की प्लानिंग कर रहा है.

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रेलवे को 22 हजार करोड़ मिलने की है उम्मीद

देश में प्राइवेट ट्रेनें चलाने में जिन कंपनियों ने रुचि दिखाई है उनमें स्‍पेन की टैल्‍गो, बॉम्‍बार्डियर इंडिया, टाटा रियल्‍टी, फ्रांस की एलस्‍टॉम, अडानी पोर्ट्स और मैकक्‍वारी ग्रुप जैसी कंपनियां शामिल हैं. आईआरसीटीसी ने पिछले छह महीनों में दो ट्रेनें प्राइवेट ट्रेनें तेजस एक्सप्रेस (Tejes express) चलाई हैं. इन ट्रेनों के प्रदर्शन से प्राइवेट ट्रेनों को लेकर रेलवे का उत्साह और अधिक बढ़ा है. रेलवे अभी इन टेंडरों के लिए रिक्‍वेस्‍ट फॉर क्‍वालिफिकेशन डाक्‍यूमेंट (आरएफक्‍यू) को अंतिम रूप दे रहा है. फिलहाल रेलवे अपने नेटवर्क पर लगभग 13,000 यात्री ट्रेनें चलाता है, लेकिन मांग को पूरा करने के लिए लगभग 20,000 ट्रेनों की जरूरत है. रेलवे को उम्मीद ह कि प्राइवेट ट्रेनों के जरिए रेलवे में 22,000 करोड़ रुपए का निवेश आ सकता है.

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150 ट्रेनें चलाने का है प्रस्ताव

देश में प्राइवेट ट्रेनों को चलाने को लेकर 31 दिसंबर ओर 20 जनवरी को स्‍टेकहोल्‍डरों की बैठक हुई थी. इसमें प्रोजेक्‍ट के तौर-तरीकों पर चर्चा की थी. इस बैठक में एनआईआईएफ, हुंडई रॉटेम कंपनी, सीएएफ इंडिया, हिताची इंडिया, थॉत इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर, सीआरआरसी जेडईएलसी, बीईएमएल, सीमेन्‍स, आईआरसीटीसी, भारत फोर्ज, गैटेक्‍स, गेटवे रेल फ्रेट, केईसी इंटरनेशनल, एस्‍सेल ग्रुप जैसी कंपनियां शामिल हुई. पैसेंजर ट्रेनों को चलाने की जिम्‍मेदारी प्राइवेट कंपनियों को देने की योजना के पहले चरण में 100 रूट पर 150 प्राइवेट ट्रेन चलाने का प्रस्‍ताव दिया गया है. सरकार के थिंक-टैंक नीति आयोग के मुताबिक, इससे रेलवे में 22,000 करोड़ रुपए का निवेश आ सकता है. वित्‍त वर्ष 2019-20 के बजट में रेलवे की ओर से 12 वर्षों में इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर में 50 लाख रुपए निवेश की जरूरत बताई गई थी. बता दें कि 100 रूट पर 150 प्राइवेट ट्रेनें चलाने के लिए अगले दो से तीन महीनों में बोली मंगाई जाएंगी. इसके बाद कॉन्‍ट्रैक्‍ट का आवंटन अगले वित्‍त वर्ष में हो सकता है.