डिजिटल होती दुनिया में रेलवे भी अपनेआप को तेजी से डिजिटल बनाने में जुटा हुआ है. टिकटिंग प्रणाली तो रेलवे ने काफी समय पहले ही ऑनलाइन कर दी थी, अब बड़े ठेकों के लिए भी रेलवे ऑनलाइन सिस्टम अपनाने जा रहा है. अब कैटरिंग, पार्किंग और पार्सल लीजिंग का कॉन्ट्रैक्ट लेने के लिए ऑनलाइन ही आवेदन करना होगा. 

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रेलवे के इस डिजिटल कदम के पीछे कॉन्ट्रैक्ट में दलाली और भ्रष्टाचार को रोकना है. भारतीय रेलवे में अबतक पार्किंग, कैटरिंग और पार्सल लीजिंग जैसे अहम कॉन्ट्रैक्ट या ठेका पेपर प्रक्रिया के जरिए किए जाते थे, यही वजह थी कि इस पूरी प्रक्रिया में दलालों और रिश्वतखोरी की जड़ें काफी गहरी हैं.

ऑनलाइन बिडिंग प्रक्रिया के जरिए रेलवे का दावा है कि इससे भर्ष्टाचार पर न केवल रोक लगेगी बल्कि, प्रोफेशनल लोगों के आगे आने से रेलवे सेवाओं और राजस्व में भी इजाफा होगा.  

नए आदेश के मुताबिक, रेलवे के सभी 17 जोन और 70 रेल डिवीज़न को आदेश दे दिया है कि कॉन्ट्रैक्ट की प्रक्रिया को डिजिटल किया जाए. CRIS पर ये ज़िम्मेदारी रहेगी कि इस ऑनलाइन प्रक्रिया को अंजाम दे. अब से रेलवे ई टेंडर, इंडियन रेलवे ई प्रोक्योरमेंट सिस्टम पर अपलोड करेगी. आवेदकों या बिडर को दिक्कत न हो इसके लिए रेलवे बाकायदा हेल्पडेस्क की सुविधा भी देगी.

(संजीव शर्मा की रिपोर्ट)