रिपोर्ट : रूपेंद्र श्रीवास्‍तव

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कोरोनावायरस (Coronavirus) के खौफ का असर अब पटना में देखने को मिल रहा है. इसका सीधा असर मुर्गे के मीट के कारोबार पर दिखने लगा है जो मुर्गे का मीट 160 से 180 रुपये बिक रहा था वह अब 80 रुपये तक गिर गया है. बजार में साबूत मुर्गे की कीमत 60 रुपये और मीट की कीमत 80 रुपये पर आ गई है.

हालात यह है इतना सस्ते होने के बावजूद भी लोग मुर्गा खाने से डर रहे हैं. इसका सीधा असर मुर्गे के कारोबार पर पड़ रहा है. दुकानदारों का कहना है कि मुर्गे के मीट पर भी लोग संदेह कर रहे हैं जबकि इस पर कोरोनावायरस का कोई असर नहीं है. बिक्री कम होने के साथ बिक्री में काफी गिरावट आई है.

वहीं कई ऐसे भी शौकीन लोग हैं, जो मुर्गे में कोरोनावायरस को अफवाह मान रहे हैं और मुर्गे की खरीदारी कर रहे हैं. उनका कहना है की सस्‍ता होने के कारण वह रोजाना एक टाइम मुर्गा खा रहे हैं. कई महिलाएं भी मुर्गे में कोरोनावायरस से इफ्तफाक नहीं रखतीं. उनका भी कहना है कि लोगों को इसका सेवन करना चाहिए और सस्‍ती कीमत का फायदा उठाना चाहिए. इसका असर चिकेन से बनने वाले प्रोडक्‍ट पर भी पड़ रहा है. होटलों और रेस्‍त्रां में जाने से लोग परहेज करने लगे हैं. 

डाक्टरों की मानें तो डरने की कोई जरूरत नहीं है बल्कि सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें फैलाई जा रही हैं. चिकेन और मीट को ठीक से पका खाने की राय दी जा रही है ताकि कोई वायरस यानि की जीवाणु बचा नहीं रहे.

बिहार एनिमल साइंसेज यूनिवसिर्टी के वेटनरी माइक्रो बायलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर पंकज कुमार की मानें तो मौजूदा कोरोनावायरस से पशुओं पर कोई असर नहीं पड़ा है. जो भी कोरोनावायरस फैला है वह व्‍यक्ति के संक्रमण से फैला है. 

देश में चिकन खाना सुरक्षित है, लेकिन चिकन से कोरोनोवायरस फैलने की अफवाहों ने हमारे देश में केवल एक महीने में 50 प्रतिशत से अधिक तक इसकी मांग को प्रभावित किया है और बाजार की कीमतों में भी 70 प्रतिशत तक की गिरावट आई है.