त्योहारी सीजन खास कर शादी ब्याह के समय की शुरुआत होते ही सभी अपने अपने गांव जाने की तैयारी में जुट जाते हैं. इसके लिए यात्रा करने हेतु आम आदमी सबसे पहले अपने बजट के अनुसार रेल टिकट या नजदीक के रिजर्वेशन काउंटर जाता है. हालांकि, कई बार दिन के अंत में उसके हाथ निराशा के अलावा और कुछ नही आता.  काउंटर या मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए टिकट बुक करने वाले व्यक्ति को वेटिंग लिस्ट या REGRET के ऑप्शन के सिवा और कुछ नही दिखता. इसके पीछे एक बड़ी वजह है फ्रॉडस्टर. रेलवे के आईटी सेल ने ऐसे ही एक बड़े खेल का पर्दाफाश किया है. 

ऐसे बल्क बुकिंग करते हैं फ्रॉडस्टर, त्योहारी पीक सीजन में बेचते थे टिकट्स 

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फ्रॉडस्टर कई सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रेलवे सिक्युरिटी को चकमा देकर कुछ ही मिनटों में ट्रेन टिकिट्स की भारी मात्रा में बुकिंग यानी बल्क बुकिंग कर लेते है. ये अपने रूट्स के अनुसार बल्क बुकिंग करते हैं. त्योहारी और पीक सीजन में अपना प्रॉफिट जोड़कर टिकट्स बेचते थे. रेलवे IT सेल के अपने छानबीन के दौरान कुछ ऐसे ट्रांजेक्शन पर नजर गई, जहां IRCTC के लॉगिन आईडी से अलग-अलग गतिविधियों में टिकट्स बुक किए जा रहे थे, जैसे अलग-अलग लोकेशन के टिकट्स बुकिंग अलग अलग आईडी से किए जा रहे थे, जो यूजर आईडी से विपरीत थे.

लोकेशन के आधार पर किया गया ट्रेस

रेलवे आईटी सेल की छानबीन में सबसे बड़ी बात यह उभर कर आ रही थी की ट्रांजेक्शन पूरा करने में जो समय आम तौर पर लगता था यह उससे बिल्कुल अलग था. इसके बाद आईटी सेल की मदद से लोकेशन और बाकी जानकारी ट्रेस कर आरपीएफ ने गिरफ्तारी को अंजाम दिया गया.  सेंट्रल रेलवे की मुंब्रा आरपीएफ टीम और IT सेल ने किया रेल टिकट के ब्लैक मार्केटिंग गिरोह का पर्दाफाश किया. गैरकानूनी रेल टिकट के साथ हुई एक व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई. 

ठाणे से सटे मुंब्रा में हुई गिरफ्तारी, बरामद हुई ये चीजें

आरपीएफ ने आरोपी के पास से करीब पांच लाइव ई टिकट्स और बैक डेट के तीन ई टिकट्स बरामद किए गए हैं. करीब 18 हजार रूपए के ई टिकट्स बरामद किए गए हैं. आरोपी के पास से 18 IRCTC के निजी आईडी प्राप्त हुए हैं. टिकट बुकिंग के लिए आरोपी Nexus नाम के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करता था. आरोपी के पास से ई टिकट्स के अलावा एक लेनोवो का सीपीयू , एक Dell कंपनी का मॉनिटर और एक सैमसंग गैलेक्सी J7 मोबाइल जब्त किया गया है. 

गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की जानकारी

गिरफ्तार किया गया व्यक्ति सलीम अहमद पुत्र वजीर अहमद उम्र 34 साल है. आरोपी पर  केस नंबर CR NO 478/2023 इंडियन रेलवे एक्ट 143 के तहत गिरफ्तारी हुई है. आम तौर पर अगर कोई यात्री अपना टिकट बुक करता है तो उसे डिटेल्स भर पेमेंट पूरा कर ट्रांजैक्शन पूरा करने में करीब दो से ढाई मिनट का समय लगता हैं वही दूसरी तरफ सॉफ्टवेयर द्वारा टिकट बुक करने में सिर्फ कुछ ही सेकंड्स काफी होते हैं.

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इस मामले पर जानकारों का क्या कहना है?

पुलिस इस मामले की इन्वेस्टिगेशन कर रही है जिससे अंदेशा लगाया जा सकता हैं की यह रैकेट और बड़ा भी हो सकता है. इसके अलावा कई साइबर एक्सपर्ट है जिनका मानना है की इस तरह के रैकेट्स करीब 15 साल से चल रहे हैं और समय रहते इस तरह के सॉफ्टवेयर को समाप्त कर दिया जाए.