Indian Railways: भारतीय रेलवे दुनिया में चौथा में सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. देश में हर रोज 10 हजार से अधिक पैसेंजर ट्रेनों में 2 करोड़ से अधिक लोग ट्रैवल करते हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि सेंट्रल रेलवे (Central Railway) ने अप्रैल से अक्टूबर के दौरान बिना एक टिकट बेचे सिर्फ विज्ञापनों के माध्यम से करीब 54 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल कर लिया है. सेंट्रल रेलवे ने बताया कि अपने 5 मंडलों में उसने अप्रैल से अक्टूबर, 2023 तक विभिन्न विज्ञापन माध्यमों से 54.51 करोड़ रुपये का प्रभावशाली राजस्व अर्जित किया है.

इन सोर्स से हुई रेलवे को कमाई

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उक्त उत्पन्न राजस्व गैर-किराया राजस्व स्रोतों की मजबूत क्षमता को दर्शाता है और अपने मंडलों में नवीन विज्ञापन समाधानों का लाभ उठाने के लिए मध्य रेल की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है. ट्रेन के डिब्बों पर विनाइल रैपिंग, स्टेशनों पर होर्डिंग विज्ञापनों और टीवी स्क्रीन विज्ञापनों के माध्यम से, मध्य रेल ने यात्रियों के यात्रा अनुभव को बेहतर करते हुए व्यवसायों के लिए विशाल दर्शकों तक पहुंचने के आकर्षक अवसर उत्पन्न किए हैं.

कहां से होती है रेलवे की सबसे अधिक कमाई

आपको बता दें कि भारतीय रेलवे की सबसे अधिक कमाई पैसेंजर ट्रेनों के टिकट बेचकर नहीं, बल्कि माल ढुलाई से होती है. रेलवे ने चालू वित्त वर्ष में अभी तक अप्रैल से अक्टूबर के बीच 887.25 मीट्रिक टन की माल ढुलाई से 95929.30 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल कर लिया है. ये पिछले साल से लगभग 3584.03 करोड़ रुपये अधिक है. 

किन चीजों की होती है सबसे अधिक ढुलाई

आंकड़ों की बात करें, तो रेलवे आमतौर पर सबसे अधिक कोयला की ढुलाई करती है. भारतीय रेल ने, सिर्फ अक्टूबर 2023 के दौरान, कोयला 64.82 मिलियन टन, लौह अयस्क 14.81 मिलियन टन,  कच्‍चा लोहा और फिनिश्ड स्टील 5.74 मिलियन टन, सीमेंट (इएक्‍ससीएल़. क्लिंकर) 6.32 मिलियन टन , क्लिंकर 4.77 मिलियन टन , खाद्यान्न 3.62 मिलियन टन, उर्वरक 5.72 मिलियन टन, खनिज तेल 4.35 मिलियन टन, कंटेनर 7.15 मिलियन टन और शेष अन्य वस्तुओं में 8.55 मिलियन टन माल ढुलाई की.