देश में नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन मुम्बई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन परियोजना पर तेजी से काम कर रही है. बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के फायदों की बात करें तो बुलेट ट्रने यात्रियों का समय तो बचाएगी ही साथ ही परिवहन के अन्य माध्यमों की तुलना में प्रदूषण भी काफी कम हो जाएगा.

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हाई स्पीड ट्रेनों में होता है कम कार्बन उत्सर्जन

नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन ने बताया कि यूआईसी इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवेज की एक रिपोर्ट के अनुसार बुलेट ट्रेन परिवहन के अन्य माध्यमों जैसे कार व विमान की तुलना में बेहद कम कार्बन उत्सर्जन करती है.

विमान की तुलना में 11.48 गुना कम उत्सर्जन

रिपोर्ट के अनुसार एक विमान जहां 600 किलोमीटर की दूरी तय करने में लगभग 93.0 किलोग्राम कार्बन डाई ऑक्साइड गैस का उत्सजर्न करता है वहीं हाई स्पीड रेल मात्र 8.1 किलोग्राम कार्बन का उत्सर्जन करती है. जो लगभग 11.48 गुना कम है.

कार की तुलना में 8.32 गुना कम उत्सर्जन

इसी तरह एक कार जहां 600 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए 67.4 किलो कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन करती है वहीं हाई स्पीड रेल इतनी दूरी तय करने के लिए मात्र 8.1 किलोग्राम कार्बन का उत्सर्जन करती है. जो गलभग 8.32 गुना कम है.

पर्यावरण दिवस पर बायोडीजल से चलाई ट्रेन

विश्व पर्यावरण दिवस पर रेलवे ने वडोदरा मंडल में प्रतापनगर - जंबुसर जंक्शन के बीच बायो डीजल से पहली नैरो गेज ट्रेन चलाई. इसी तरह अहमदाबाद से भुज के बीच बायो डीजल से ट्रेन चलाई गई. राजकोट से मोरबी के बीच भी गाड़ी संख्या 79454 को बायो डीजल से चलाया गया.