भारत में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर काम काफी तेजी से चल रहा है. वहीं बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण का काम दिसम्बर तक पूरा कर लिया जाएगा. वहीं जनवरी से इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर जारी किए जाने शुरू कर दिया जाएंगे. बुलेट ट्रेन के परिचालन के पहले कर्मचारियों की ट्रेनिंग के लिए वड़ोदरा में बुलेट ट्रेन के लिए एक ट्रेनिंग सेंटर बनाया गया है. यहां पर लगभग 200 मीटर का बुलेट ट्रेन का एक ट्रैक तैयार किया जा रहा है. इस टैक को तैयार करने के लिए जापान में बने हुए 20 स्लैब मंगाए गए हैं. इन स्लैबों को कैसे जोड़ना है किस तरह की फिटिंग का का इसमें प्रयोग किया जाना व बुलेट ट्रेन के लिए ट्रैक तैयार करते समय किन बातों का ध्यान रखना है इन सभी बातों की ट्रेनिंग यहां पर दी जाएगी.

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फरवरी तक तैयार हो जाएगा ट्रैक

ट्रेनिंग के लिए बुलेट ट्रेन का ट्रैक बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है. इस ट्रैक में 50 मीटर का एक घुमाव भी दिया गया है. इससे ट्रेनिंग करने वाले कर्मियों को यह समझने में मदद मिलेगी कि घूमाव पर बुलेट ट्रेन की पटरियां बिछाने में किस बात का ध्यान रखना है. पटरियां बिछाने के लिए मंगाए गए 20 स्लैब कंकरीट के बने हुए हैं. इनमें स्टील की रॉड पड़ी हैं. बुलेट ट्रेन के गुजरने पर इन पटरियों पर पड़ने वाला दबाव धीरे - धीरे रिलीज होगा. जिससे पटरियां व स्लैब लम्बे समय तक चलेंगे.

भारत में बनेंगे 2 लाख स्लैब

बुलेट ट्रेन की पटरियां बिछाने के लिए लगभग 02 लाख स्लैब की जरूरत होगी. ये स्लैब भारत में ही तैयार किए जाएंगे. इसके लिए देश के विभिन्न हिस्सों में चार फैक्ट्रियां लगाए जाने की योजना पर काम किया जा रहा है.

इन फैक्ट्रियों में स्लैब बनाने की तकनीक और डिजाइन जापान से ही ली जाएगी. दरअसल भारत बुलेट ट्रेन को भारत में विकसित करने में सभी तरह की तकनीकी मदद उपलब्ध करा रहा है.

जापान करेगा तकनीकी मदद

बुलेट ट्रेन के 12 रेलवे स्टेशनों को विकसित करने में भारतीय आर्किटेक्टों की मदद जापान के विशेषज्ञ करेंगे.

मुम्बई मेट्रोपॉलिटेंट रीजल डेवलपमेंट एथारिटी और गुजरात अरबन डेवलपमेंट एंड मुंसिपल कमिश्नर की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बुलेट ट्रेनों के स्टेशन का आर्किटेक्चर तैयार करने और आसपास के क्षेत्र के विकास में जापान के विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी.