बजट 2019 : रेलवे के लिए हो सकते हैं बड़े ऐलान, यात्री सुविधा पर रहेगा सारा ध्यान
केंद्र सरकार रेलवे के ऑपरेटिंग रेश्यो को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकती है. ऑपरेटिंग रेश्यो दरअसल रेलवे की आर्थिक स्थिति का पैमाना है. ऑपरेटिंग रेश्यो का सीधा मतलब ये है कि एक रुपया कमाने के लिए रेलवे कितना खर्च करता है.
5 जुलाई को पेश होने वाले यूनियन बजट में भारतीय रेलवे का रोडमैप का भी ज़िक्र होगा. भारतीय रेलवे किस दिशा में आगे बढ़ेगी, कमाई बढ़ेगी या घटेगी, रेल मुसाफिरों को क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी, या फिर रेलवे में निजी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा, ऐसे तमाम अहम सवालों के जवाब 5 जुलाई को यूनियन बजट से मिलेगा.
लेकिन ज़ी न्यूज को मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार रेलवे में सुधार के लिए कुछ बड़े कदम उठाने जा रही है. सरकार कुछ मामलों में कटौती तो कुछ को विस्तार देने जा रही है,
केंद्र सरकार रेलवे के ऑपरेटिंग रेश्यो को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकती है. ऑपरेटिंग रेश्यो दरअसल रेलवे की आर्थिक स्थिति का पैमाना है. ऑपरेटिंग रेश्यो का सीधा मतलब ये है कि एक रुपया कमाने के लिए रेलवे कितना खर्च करता है.
जानकारी के मुताबिक, बजट में ऑपरेटिंग अनुपात बिगड़कर 95.5-96 तक का रह सकता है. रेल मंत्री ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अंतरिम बजट में ऑपरेटिंग रेश्यो लक्ष्य 95 फीसदी तय किया था. लेकिन कमाई नहीं बढ़ने और लगातार बढ़ते आर्थिक बोझ के चलते रेलवे का ऑपरेटिंग रेश्यो बिगड़ सकता है जोकि रेलवे के लिए अच्छा संकेत नहीं है.
रेलवे सुरक्षा फंड के लिए 5,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जा सकते हैं. इस फंड का इस्तेमाल सुरक्षा संबंधी कार्यों पर करना होगा. इसके अलावा रेलवे का कैपेक्स यानी पूंजीगत व्यय 1.58 लाख करोड़ रुपए से घटकर 1.51 लाख करोड़ तक रह सकता है. कैपिटल एक्सपेंडिचर (कैपेक्स) का इस्तेमाल नेटवर्क बढ़ाने, सिग्नल सिस्टम को अपग्रेड करने तथा रेल ट्रैक के रखरखाव पर होगा.
वित्त वर्ष 2019-20 के लिए केंद्र से मिलने वाला ग्रॉस बजट्री सपोर्ट (GBS) जोकि 64587 करोड़ रुपए है, घटकर 60,000 करोड़ रुपए तक रह सकता है. इस बजट में किसी नई गाड़ी के संचालन का ऐलान नहीं होगा.
यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के मकसद से रेलवे स्टेशन पर आधारभूत संरचना में सुधार और इजाफा होगा. जैसे- लिफ्ट, एस्केलेटर, स्टेशन वेटिंग एरिया, LED लाइटिंग से स्टेशन और परिसर को जगमगाना, शौचालय को आधुनिक किए जाने पर ज्यादा फोकस होगा. इसके अलावा सरकार रेलवे में निजी निवेश को बढ़ाने के लिए इंडियन रेलवे के दरवाजे खोलने जा रही है.