Biparjoy तूफान को लेकर रेलवे ने कर ली तैयारी, पैसेंजर्स की सिक्योरिटी को लेकर उठाया ये जरूरी कदम
Railways Preparation for Cyclone Biparjoy: चक्रवाती तूफान Biparjoy को लेकर रेलवे ने अपनी सारी तैयारियां कर ली है. इसके लिए सेंट्रल रेलवे और वेस्टर्न रेलवे ने कई सारे जरूरी इंतजाम किया है.
Railways Preparation for Cyclone Biparjoy: चक्रवाती तूफान Biparjoy का असर गुजरात और मुंबई में दिखने लगा है. मौसम विभाग के मुताबिक, ये तूफान पश्चिम-उत्तर दिशा की तरफ बढ़ रहा है. इसका असर राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में दिखना शुरू हो गया है. रेलवे ने भी Biparjoy तूफान को लेकर अपनी तैयारी कर ली है. सेंट्रल रेलवे (Central Railway) ने बताया, पूर्वी मध्य अरब सागर (East Central Arabian sea) के ऊपर बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान "BIPARJOY" बढ़ रहा है, जो कि सौराष्ट्र और कच्छ के क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है. इसके साथ ही संवेदनशील वर्गों में भावनगर, महुवा, वेरावल से पोरबंदर क्षेत्र, OKHA से HAPA और गांधीधाम क्षेत्र शामिल हैं.
14 तारीख की शाम को मांडवी-जखाऊ बंदरगाह के पास लैंडफॉल होने का अनुमान है. भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने पैसेंजर्स की सिक्योरिटी को तय करने और चक्रवात के प्रभाव को कम करने के लिए विभिन्न उपायों को लागू किया है.
सेंट्रल रेलवे ने किए ये इंतजाम
- क्षेत्रीय रेलवे मुख्यालय में आपदा प्रबंधन कक्ष को एक्टिव करके विभिन्न विभागों द्वारा चौबीसों घंटे मॉनिटरिंग किया जाएगा.
- भावनगर, राजकोट, अहमदाबाद और गांधीधाम में मंडल मुख्यालयों पर आपातकालीन नियंत्रण कक्षों का संचालन.
- कई स्थानों पर हवा की गति की नियमित निगरानी और 50 किमी प्रति घंटे से अधिक हवा का वेग होने पर ट्रेनों को नियंत्रित करने या रोकने के निर्देश. स्टेशनों पर एनीमोमीटर लगाए गए हैं और हर घंटे के आधार पर हवा की गति की रीडिंग ली जा रही है.
- वास्तविक समय की निगरानी और समन्वय के लिए ऑनलाइन समूहों का गठन.
- mausam.imd.gov.in वेबसाइट पर चक्रवात संबंधी सूचनाओं की सतत निगरानी.
- आपातकालीन निकासी के लिए पर्याप्त डीजल लोकोमोटिव और कोचिंग रेक की उपलब्धता.
- डबल स्टैक कंटेनरों के लदान का निलंबन और उनके संचलन पर प्रतिबंध.
- यात्री ट्रेनों की समय-सारणी की समीक्षा और चक्रवात की स्थिति के आधार पर आवश्यक निर्णय.
- संचार विफलता के मामले में सैटेलाइट फोन, एफसीटी और डीओटी फोन सहित आपातकालीन नियंत्रण कक्ष.
- साइट संचार के लिए वीएचएफ सेट उपलब्ध हैं.
ट्रेनों के लिए तैयारी
- चक्रवात/तूफान की स्थिति के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल के संबंध में लोको पायलटों और सहायक लोको पायलटों की काउंसलिंग. चालक दल के विश्राम के लिए बनाए गए विभिन्न रनिंग रूम में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं (भोजन, चिकित्सा आदि) की गई हैं.
- हवा के मुक्त आवागमन के लिए कोचों के दरवाजे और खिड़कियां खुली रखने के निर्देश.
- कड़ी निगरानी के लिए गहन फुटप्लेट निरीक्षण किए गए हैं.
- आरसीडी ईंधन की आवाजाही के लिए सड़क के बुनियादी ढांचे में बाधा आने की स्थिति में चक्रवात के बाद पूरी तरह से ईंधन वाले डीजल इंजनों और भरे हुए आरसीडी ईंधन टैंकों की सामान्य परिचालन में उपलब्धता की व्यवस्था.
वैकल्पिक बिजली की व्यवस्था
- सभी डिपो के टावर वैगन चालक व टीआरडी स्टाफ अलर्ट पर रहेगा.
- अगर पावर ग्रिड की आपूर्ति बाधित होती है, तो ट्रेन सेवाएं डीजल ट्रैक्शन पर चलेंगी.
- जंक्शन स्टेशनों, कंट्रोल रूम और प्रमुख कॉलोनियों, पंपों आदि पर बिजली की आपूर्ति विफल होने पर डीजी सेट के माध्यम से बिजली की आपूर्ति की जाएगी.
- आरक्षित सामग्री, मशीनरी और मानव शक्ति की व्यवस्था.
- जमीन के साथ-साथ पहियों पर सभी महत्वपूर्ण सामग्रियों जैसे मलबे, गिट्टी, खदान की धूल और खदान की धूल का स्टेशनवार विवरण तैयार किया गया है.
- वैगनों में सामग्री की लोडिंग की व्यवस्था की गई है और रात में लोडिंग जारी रहेगी.
- पोकलेन, जेसीबी मशीन आदि किराए पर ली गई हैं और गोताखोरों के ठहरने की व्यवस्था की गई है.
- भारी अर्थ मूविंग मशीनरी, ट्रक, रस्सी, चेन आरी, पानी निकालने वाले पंप, पिकअप वैन आदि रखने वाली एजेंसियों के विवरण का आकलन किया गया है और उन्हें अलर्ट पर रखा गया है.
ट्रैक और पुलों की निगरानी
- ट्रैक और पुलों की लगातार पेट्रोलिंग की जा रही है.
- निगरानी सीओपी, और एफओबी.
- पूर्व सर्वेक्षण और चादरों की आवश्यक सुरक्षा की जा चुकी है. सभी स्टेशन प्लेटफार्म आश्रयों को उचित रूप से सुरक्षित किया गया है.
- पुलों पर आवागमन के लिए यातायात प्रतिबंध (60 किमी प्रति घंटे की अधिकतम हवा की गति) लगाने के लिए हवा के वेग को प्रति घंटे के आधार पर मापा और निगरानी की जा रही है. मानसून सावधानियों को भी पूरी तरह से लागू किया जाएगा.
- ट्रैक के पास कमजोर पेड़ों की पहचान और कटाई.
सुरक्षा के लिए विशेष निर्देश
- सुरक्षा के लिए विशेष निर्देश, जिसमें एलसी बूम बंद करना और पोर्टा केबिन से काम करने वाले एलसी से कर्मचारियों की वापसी शामिल है.
- ओएचई और पारेषण लाइनों की निगरानी और निरीक्षण, बिजली अधिकारियों के साथ संपर्क, और अतिरिक्त बिजली उपकरणों का प्रावधान.
- सिग्नलिंग और दूरसंचार व्यवस्था.
- डीजी सेटों की स्थापना, और स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता की जाती है.
- आपातकालीन संचार के लिए 15 एफसीटी, एआरटी/एआरएमई में 2 सैटेलाइट फोन और वॉकी टॉकी सेट का उपयोग किया जाएगा.
- रणनीतिक स्थानों पर एआरटी/एआरएमई (दुर्घटना राहत ट्रेन/दुर्घटना राहत चिकित्सा उपकरण) की तैयारी. सभी कर्मचारियों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण जैसे हेलमेट, जूते आदि का उपयोग करने के लिए सख्ती से निर्देशित किया गया है.
- सुरक्षा व्यवस्था आरपीएफ ने की.
- आपात स्थिति में सहायता के लिए एक RPSF (रेलवे सुरक्षा विशेष बल) कंपनी (कंपनी) की तैनाती.
- आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए आस-पास के डिवीजनों की RPSF कंपनी को चक्रवात संभावित क्षेत्र में तैनात किया गया है.
- अधिकारियों को चक्रवात के मद्देनजर जीआरपी, शहर पुलिस, नागरिक अधिकारियों, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के साथ समन्वय करने और आपात स्थिति में आवश्यक सहायता लेने की सलाह दी गई है.
फंसे पैसेंजर्स के लिए व्यवस्था
- जल और खाद्य सामग्री के पर्याप्त स्टॉक के साथ चक्रवात प्रभावित अवधि के दौरान खानपान स्टॉल खुले रहेंगे.
- यात्रियों को सतर्क करने के लिए चक्रवात की स्थिति के बारे में नियमित घोषणा की जाएगी.
- चक्रवात संभावित क्षेत्रों में विभिन्न स्टेशनों पर हेल्प डेस्क खोला गया है.
- जरूरत पड़ने पर यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए राज्य परिवहन सेवाओं के साथ गठजोड़.
चिकित्सा तैयारी
- अस्पतालों और स्वास्थ्य इकाइयों में एंबुलेंस और पर्याप्त दवाएं तैयार रखी जाती हैं,
- जरूरत पड़ने पर मरीजों को शिफ्ट करने के लिए चक्रवात क्षेत्र में चिकित्सा राज्य प्राधिकरण और पैनलबद्ध अस्पताल संपर्क में हैं.
- रेलवे मेडिकल टीम राज्य मेडिकल टीम के संपर्क में है और उनके साथ समन्वय कर रही है और आपात स्थिति में मरीजों को स्थानांतरित करने के लिए सूचीबद्ध अस्पतालों के साथ भी.
- गुजरात राज्य एम्बुलेंस टोल फ्री नंबर 108 को अलर्ट किया गया.
- अन्य स्थानीय अस्पतालों को भी हताहतों की संख्या से निपटने के लिए अलर्ट कर दिया गया है.
- मुंबई में सभी डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ अलर्ट पर.
- रेलवे बोर्ड के वॉर रूम से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.
100 से अधिक ट्रेनें हुईं कैंसिल
वेस्टर्न रेलवे ने ट्वीट कर बताया Biparjoy तूफान को लेकर रेलवे ने सभी जरूरी कदम उठाए हैं. तूफान से नुकसान बचाने के लिए रेलवे ने करीब 100 ट्रेनों को कैंसिल किया है. इसके साथ ही कई सारी ट्रेनों को रीशेड्यूल किया गया है.
वेस्टर्न रेलवे ने भी जारी किया हेल्प डेस्क नंबर
वेस्टर्न रेलवे (Western Railway) ने भावनगर मंडल के भावनगर, पोरबंदर, वेरावल और जूनागढ़, अहमदाबाद मंडल के ओखा, द्वारका, खंभालिया, जामनगर, हापा, सुरेंद्रनगर और मोरबी, राजकोट मंडल के गांधीधाम और भुज में हेल्प डेस्क खोला है.
- भावनगर हेल्प डेस्क - 94298 80306
- पोरबंदर हेल्प डेस्क - 84870 97240, 93289 20110, 94270 34904, 90813 75301
- वेरावल हेल्प डेस्क - 72270 58687, 81280 16885, 94293 10290, 72658 43885
- जूनागढ़ हेल्प डेस्क - 72270 58688
- राजकोट हेल्प डेस्क 1 - 0281-2410142 और 97240 94974
- राजकोट हेल्प डेस्क 2 - 97240 94848
- ओखा हेल्प डेस्क - 02892-262026
- द्वारका हेल्प डेस्क - 63534 43147
- खंभालिया हेल्प डेस्क - 02833-232542
- जामनगर हेल्प डेस्क - 63534 43009
- हापा हेल्प डेस्क - 63534 42961
- सुरेंद्र नगर हेल्प डेस्क - 72280 92333
- मोरबी हेल्प डेस्क - 02822 - 230533
- गांधीधाम हेल्प डेस्क - 02836 - 239002
- भुज हेल्प डेस्क- 97240 93831