Balasore Accident: डेढ़ महीने बाद भी AIIMS में लावारिस पड़ी है 41 लाशें, नहीं हो सकी पहचान
Balasore Train Accident: बालासोर ट्रेन एक्सीडेंट में 295 लोगों की मौत हो गई थी. डेढ़ महीने से ज्यादा वक्त बीतने के बाद भी 41 लाशें अभी एम्स भुवनेश्वर में लावारिस पड़ी हैं. जानिए क्या कहा एम्स डायरेक्टर ने.
Balasore Train Accident: बालासोर रेल हादसा पिछले दो दशक में सबसे भीषण रेल हादसे में एक था. इस हादसे में करीब 295 लोगों की जान चली गई थी. हादसे के डेढ़ महीने के बाद भी 41 लाशों की पहचान अभी नहीं हो सकी है. ये लाशें AIIMS भुवनेश्वर के मोर्चरी हाउस में है. दो जून 2023 को कोरोमंडल एक्सप्रेस, SMVT बेंगलुरु- हावड़ा एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी आपस में टकरा गई थी. हादसे में कुल 1,175 लोग घायल हो गए थे.
Balasore Train Accident: AIIMS भुवनेश्वर के डायरेक्टर ने कही ये बात
ANI से बातचीत में AIIMS भुवनेश्वर के डायरेक्टर डॉ. (प्रोफेसर) आशुतोष बिस्वास ने कहा, 'हमारे पास 41 लावारिस लाशें हैं. लोग आ रहे हैं, हम डीएनए सैंपल मैच होने के बाद उन्हें बॉडी सौंप दी है. बॉडी को परिजनों और रिश्तेदारों को सौंप दी जा रही है. जब तक सभी लाशों को उनके परिजनों को सौंप नहीं दिया जाएगा तब तक ये प्रोसेस चलती रहेगी.' गौरतलब है कि सीबीआई नेतीन आरोपियों सीनियर सेक्शन इंजीनियर अरुण कुमार मोहंता, सेक्शन इंजीनियर मोहम्मद आमिर खान और टेक्निशियन पप्पू कुमार को गिरफ्तार किया था.
Balasore Train Accident: सदन में रेल मंत्री ने दिया ये जवाब
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद को दिए जवाब में बताया कि बालासोर रेल हादसे का कारण गलत सिग्नलिंग था. रेल मंत्री ने बताया कि 'नॉर्थ सिग्नल गुमटी पर किए गए सिग्नलिंग-सर्किट-परिवर्तन में हुई खामियों के कारण ये टक्कर हुई है. स्टेशन के गेट नंबर 94 के लेवल क्रॉसिंग और इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर के बदलाव से जुड़े सिग्निलिंग काम के दौरान हुई. इन सभी खामियों के कारण कोरोमंडल एक्सप्रेस को गलत सिग्नल मिला था. गलत सिग्नल के कारण कोरोमंडल एक्सप्रेस अप लूप लाइन में चली गई थी. ट्रेन मालगाड़ी के पीछे से टकरा गई.
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रेल मंत्री ने आगे बताया कि हादसे में 295 यात्रियों ने अपनी जान गवां दी है. वहीं, 176 गंभीर रूप से घायल हुए. 451 लोगों को मामूली चोटें आई है. 180 लोगों को प्राथमिक उपचार देने के बाद डिसचार्ज कर दिया गया है.