बदल जाएगा सफर का अंदाज़! 10 नहीं, 200 और बनेंगी वंदे भारत स्लीपर! रेल मंत्री ने किया ऐलान
Vande Bharat Train Coach: बेहतरीन यात्रा के लिए, भारतीय रेलवे अप्रैल 2018 से सिर्फ LHB कोच बना रही है. रेल मंत्री ने कहा कि पिछले 10 सालों (2014-24) में बने LHB कोच, उससे पहले के 10 सालों (2004-14) में बने कोचों से 16 गुना ज़्यादा हैं.
Vande Bharat Train Coach: लंबी और मध्यम दूरी की यात्रा के लिए भारतीय रेलवे 10 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का निर्माण कर रहा है. इसका पहला प्रोटोटाइप तैयार हो चुका है और जल्द ही इसकी टेस्टिंग शुरू कर दी है. इसके अलावा, 200 वंदे भारत स्लीपर रेक बनाने का ठेका भी तकनीकी भागीदारों को दिया जा चुका है. टेस्टिंग सफल होने के बाद ही इन ट्रेनों को चलाने की डेडलाइन तय की जाएगी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में यह जानकारी दी है.
Vande Bharat Train Coach: ब्रॉड गेज इलेक्ट्रिफिकेशन नेटवर्क पर चल रही 136 वंदे भारत ट्रेन
रेल मंत्री ने संसद में बताया कि दो दिसंबर 2024 तक, छोटी और मध्यम दूरी की यात्रा के लिए देश भर में ब्रॉड गेज इलेक्ट्रिफिकेशन नेटवर्क पर 136 वंदे भारत ट्रेन सेवाएं चल रही हैं, जिनमें चेयर कार हैं. अक्टूबर 2024 तक, वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रियों की औसत उपस्थिति 100% से अधिक रही है. एक दूसरे सवाल के जवाब में, केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अप्रैल 2018 से भारतीय रेलवे की प्रोडक्शन यूनिट्स केवल LHB कोच बना रही हैं. इन कोचों का प्रोडक्शन लगातार बढ़ रहा है.
Vande Bharat Train Coach: LHB कोच की संख्या में 16 गुना बढ़ोतरी
अश्विनी वैष्णव के मुताबिक 2014-24 के दौरान बनाए गए LHB कोचों की संख्या (36,933) 2004-14 के दौरान बनाए गए कोचों (2,337) की तुलना में 16 गुना से अधिक है. भारतीय रेलवे ने LHB कोचों को बढ़ावा दिया है जो तकनीकी रूप से बेहतर हैं और इनमें एंटी-क्लाइंबिंग व्यवस्था, विफलता संकेत प्रणाली के साथ एयर सस्पेंशन और कम क्षरण वाली शैल जैसी विशेषताएं हैं. वहीं,"सुगम्य भारत अभियान" के तहत, भारतीय रेलवे दिव्यांगजनों और कम गतिशीलता वाले यात्रियों के लिए सुगम यात्रा सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है.
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के दिशानिर्देशों के अनुसार, रैंप, सुलभ पार्किंग, ब्रेल और स्पर्श साइनेज, कम ऊंचाई वाले काउंटर और लिफ्ट/एस्केलेटर जैसी व्यापक सुविधाएं प्रदान की गई हैं. नवंबर 2024 तक, भारतीय रेलवे ने 399 स्टेशनों पर 1,512 एस्केलेटर और 609 स्टेशनों पर 1,607 लिफ्ट लगाए हैं, जो पिछले दशक की तुलना में क्रमशः 9 और 14 गुना अधिक हैं.