1 सितंबर 2018 के बाद खरीदी है कार तो तुरंत चेक करें अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी! उठाना पड़ सकता है यह नुकसान
अगर आपने 1 सितंबर 2018 के बाद नई गाड़ी खरीदी है तो एक बार अपनी बीमा पॉलिसी जरूर चेक कर लें, क्योंकि 1 सितंबर 2018 से लॉन्ग टर्म लागू होने के बाद ज्यादातर नई गाड़ियों के लिए 1 साल का comprehensive इंश्योरेंस कवर और बाकी की अवधि के लिए थर्ड पार्टी कवर है
अगर आपने 1 सितंबर 2018 के बाद नई गाड़ी खरीदी है तो एक बार अपनी बीमा पॉलिसी जरूर चेक कर लें, क्योंकि 1 सितंबर 2018 से लॉन्ग टर्म लागू होने के बाद ज्यादातर नई गाड़ियों के लिए 1 साल का comprehensive इंश्योरेंस कवर और बाकी की अवधि के लिए थर्ड पार्टी कवर है. इसलिए अगर लॉन्ग टर्म इंश्योरेंस के बाद दुघर्टना होती है तो आपके वाहन को हुए नुकसान का कवर नहीं मिलेगा. बीमा कंपनियां इसके लिए जागरूकता अभियान शुरू करने की सोच रही हैं.
नई गाड़ी, बीमा पॉलिसी देख कर लें?
> 1 सितंबर को लॉन्ग टर्म पॉलिसी लागू हुए 1 साल पूरा होगा
> 1 साल बाद नई गाड़ियों में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस ही लॉन्ग टर्म के लिए
> 1 साल बाद ओन डैमेज का कवर ग्राहकों को करवाना होगा
> इंश्योरेंस कंपनियां जागरूकता अभियान भी लॉन्च करेंगी
> ज्यादातर नई कारों के लिए 1 साल का ही कॉम्प्रेहेंसिव कवर
> कॉम्प्रेहेंसिव कवर = ओन डैमेज + थर्ड पार्टी इंश्योरेंस
> मोटर व्हीकल्स एक्ट में सभी गाड़ियों का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस जरूरी
> थर्ड पार्टी दूसरे को हुए नुकसान को कवर करती है
> दुघर्टना में आपके वाहन को हुए नुकसान का कवर नहीं होता
> कॉम्प्रेहेंसिव कवर में गाड़ी को नुकसान, चोरी, एक्सिडेंट कवर शामिल