International Senior Citizens Day: आज इंटरनेशनल सीनियर सिटीजन्स डे है. अपने देश में औसत उम्र धीरे-धीरे बढ़ रही है. ऐसे में सीनियर सिटीजन्स की चुनौतियां भी बढ़ रही हैं. उनकी आर्थिक समस्याओं को ध्यान में रखते हुए साल 2004 में सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (Senior Citizens’ Saving Scheme) को लॉन्च किया गया था. यह एक ऐसी स्कीम है जिसकी मदद से उनकी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने की कोशिश की जाती है. इस स्मॉल सेविंग स्कीम में जीरो रिस्क है और वर्तमान में 7.4 फीसदी का शानदार रिटर्न मिल रहा है. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

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सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम जिसे  SCSS भी कहते हैं, पांच सालों में मैच्योर हो जाती है. इसमें सालाना इंट्रेस्ट मिलता है, लेकिन ब्याज का भुगतान तिमाही आधार पर किया जाता है. इसे सिंगल या ज्वाइंट अकाउंट होल्डर भी खुलवा सकते हैं. इस स्कीम को पोस्ट ऑफिस या बैंक में एनरोल किया जा सकता है. इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए कम से कम 60 वर्ष का उम्र जरूरी है. अकाउंट होल्डर भारतीय नागरिक होना चाहिए. वह HUF या NRI नहीं हो सकता है.

7.4 फीसदी का इंट्रेस्ट

इंट्रेस्ट रेट की बात करें तो सितंबर 2022 तिमाही के लिए सालाना आधार पर 7.4 फीसदी का इंट्रेस्ट भुगतान किया जा रहा है. हर तिमाही वित्त मंत्रालय की तरफ से इंट्रेस्ट रेट पर फैसला लिया जाता है. टैक्स के लिहाज से बात करें तो इस स्कीम में निवेश करने पर एक वित्त वर्ष में सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए का डिडक्शन मिलता है. 

मिनिमम 1000 रुपए और मैक्सिमम 15 लाख का निवेश

इस स्कीम में मिनिमम 1000 रुपए का निवेश किया जा सकता है. अधिकतम 15 लाख रुपए का निवेश किया जा सकता है. उससे ज्यादा इस स्कीम में जमा नहीं कर सकते हैं. इस स्कीम में एकमुश्त रकम जमा की जाती है. जैसा कि पहले बताया है, इसमें निवेश करने पर सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए के डिडक्शन का लाभ मिलता है. हालांकि, इंट्रेस्ट पर टैक्स लगता है. 

50 हजार तक इंट्रेस्ट पर टैक्स नहीं

सीनियर सिटीजन्स को सेक्शन 80TTB  के तहत एक वित्त वर्ष में 50 हजार तक की इंट्रेस्ट इनकम पर टैक्स में राहत मिलती है. ऐसे में अगर SCSS से एक साल में 50 हजार रुपए तक की इंट्रेस्ट इनकम होती है तो कोई टैक्स नहीं लगेगा. उससे ज्यादा इंट्रेस्ट आने पर वह टैक्स के दायरे में आ जाता है.