हम जब कमाना शुरू करते हैं, तो उन पैसों से तमाम शौक पूरे करने का मन करता है. लेकिन बड़े-बुजुर्ग पहली सैलरी के साथ ही आपसे बचत और निवेश करने के लिए कहते हैं. नई उम्र के पड़ाव पर कई बार बड़े-बुजुर्गों की बातें समझ में नहीं आतीं और लोग इन बातों को टाल देते हैं. लेकिन अगर आप निवेश के महत्‍व को समझ लेंगे तो फिर ये गलती नहीं दोहराएंगे. सिर्फ निवेश ही है जो आपके आने वाले समय को बेहतर बना सकता है. वो GenZ जो अपने फ्यूचर में लग्‍जरी लाइफ का सपना देखते हैं तो उन्‍हें पहले निवेश की ABCD समझना बहुत जरूरी है.

समझिए निवेश क्‍यों जरूरी है?

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आचार्य चाणक्‍य का कहना था कि जिस तरह ठहरा हुआ पानी सड़ने लगता है, ठीक उसी तरह एक जगह जमा पैसा भी नाशवान होता है और समय के साथ खत्‍म हो जाता है. इसलिए अगर आपको आने वाले समय के लिए पूंजी को बढ़ाना है तो पैसे को कहीं जमा करके न रखें, बल्कि इसे निवेश करें. निवेश की गई रकम समय के साथ बढ़ती है. निवेश करके ही आप अपने भविष्‍य को आर्थिक रूप से सिक्‍योर कर सकते हैं. 

कब से करें निवेश की शुरुआत

फाइनेंशियल एक्‍सपर्ट दीप्ति भार्गव कहती हैं कि निवेश की शुरुआत हर व्‍यक्ति को अपनी पहली कमाई के साथ ही कर देनी चाहिए. भले ही आप छोटी रकम के साथ निवेश शुरू करें, लेकिन इसकी शुरुआत जरूर करें. समय के साथ आमदनी बढ़ने पर आप अपने निवेश को बढ़ा सकते हैं. आप जितनी जल्‍दी निवेश की अहमियत को समझ लेंगे, उतनी जल्‍दी अपने आप को फाइनेंशियली मजबूत बना सकते हैं.

कितना करें निवेश

अब एक और सवाल मन में आता है कि आखिर आमदनी में से कितना पैसा निवेश करना चाहिए? फाइनेंशियल रूल तो ये कहता है कि हर व्‍यक्ति को अपनी इनकम का 30 फीसदी इन्‍वेस्‍ट करना चाहिए. मतलब अगर आपकी आमदनी 15 हजार रुपए है, तो आपको 45,00 रुपए हर हाल में निवेश करने चाहिए. बाकी की रकम से आप अपनी जरूरतें और शौक वगैरह पूरे कर सकते हैं.

कहां से करें निवेश की शुरुआत

आजकल निवेश के तमाम साधन हैं. सरकार की ओर से कई स्‍कीम्‍स चलाई जाती हैं, जिनमें आपकी रकम भी सुरक्षित रहती है और आपको उस पर गारंटीड ब्‍याज मिलता है जैसे पीपीएफ, एफडी, आरडी, सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड, एनपीएस, किसान विकास पत्र आदि. इसके अलावा मार्केट में भी निवेश किया जा सकता है. लेकिन अगर आप नए निवेशक हैं, तो आपको शुरुआती समय में ही मार्केट में निवेश नहीं करना चाहिए क्‍योंकि जरा सी गलती से आपको बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.

दीप्ति भार्गव कहती हैं कि हर व्‍यक्ति को अपने पोर्टफोलियो में कई तरह के निवेश को शामिल करना चाहिए. इसके लिए निवेश के लिए बचत की गई रकम को किसी एक स्‍कीम में न लगाएं, अलग-अलग जगहों पर इन्‍वेस्‍ट करें. नए निवेशक इसकी शुरुआत सरकारी स्‍कीम्‍स के साथ करें. इसमें शॉर्ट टर्म और लॉन्‍ग टर्म दोनों के ऑप्‍शंस को शामिल करें. ऐसे में आप एकमुश्‍त रकम के लिए आप एफडी, एनपीएस, किसान विकास पत्र आदि में निवेश कर सकते हैं. वहीं अगर आप हर महीने कुछ रकम निवेश करना चाहते हैं तो आरडी का विकल्‍प चुन सकते हैं. लॉन्‍ग टाइम के लिए पीपीएफ में या सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड में निवेश कर सकते हैं. बेहतर है कि आप निवेश की शुरुआत किसी फाइनेंशियल एक्‍सपर्ट की सलाह लेकर करें.

SIP भी हो सकता है विकल्‍प

निवेश के लिए म्‍यूचुअल फंड भी अच्‍छा विकल्‍प है. इसमें आप हर महीने निश्चित रकम एसआईपी के जरिए निवेश कर सकते हैं. मार्केट लिंक्‍ड होने के बावजूद इसमें जोखिम कम माना जाता है. लॉन्‍ग टाइम में आपको एसआईपी के जरिए 12 फीसदी तक का रिटर्न मिल सकता है. 

ये बात ध्‍यान रखें

ध्‍यान रहे कि किसी को देखकर स्‍टॉक में पैसा न लगाएं. शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले होमवर्क करना जरूरी है. इसमें मार्केट की सामान्य शब्दावली को जानने से लेकर स्टॉक चुनने तक आपको सारी जानकारी जुटानी चाहिए. भीड़ के पीछे भागकर स्‍टॉक में पैसा लगाना ठीक नहीं. शेयर मार्केट में सबकुछ अनिश्चित होता है. कई बार ऐसी स्थिति बन जाती है कि सालों का अनुभव रखने वाले निवेशक भी आगे की राह नहीं बता पाते हैं. इसलिए पहले मार्केट बारे में अच्‍छे से स्‍टडी करें, मार्केट को समझें और फिर निवेश का मन बनाएं.