आधार और पैन को लिंक करने की तारीफ आगे बढ़ाने से करोड़ों आयकरदाताओं को राहत मिली है, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर अंतिम समय तक डेडलाइन अड़े रहने के बाद आखिरकार आयकर विभाग ने आधार-पैन लिंक करने की तारीख को छह महीने क्यों बढ़ा दिया. इसकी वजह है कि 2 करोड़ से अधिक करदाताओं ने डेडलाइन बीत जाने के बाद भी आधार-पैन को लिंक नहीं कराया था. आयकर विभाग के लिए इतनी बड़ी संख्या को नजरअंदाज करना संभव नहीं था.

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आयकर विभाग ने आधार (Aadhaar) और पैन (PAN) को लिंक करने की आखिरी तारीख को 31 मार्च 2019 से बढ़ाकर 30 सितंबर 2019 कर दिया है, लेकिन इसके बावजूद करदाताओं को आयकर रिटर्न भरते समय आधार नंबर कोट करना अनिवार्य है. इसका अर्थ है कि इस साल रिटर्न भरने के लिए आधार नंबर होना जरूरी है और जिनके पास आधार नहीं है, वे रिटर्न नहीं भर सकेंगे.

आयकर विभाग के अनुसार 28 फरवरी 2019 तक 8.35 करोड़ लोग उसकी ई-फाइलिंग वेबसाइट पर पंजीकृत हैं. अभी तक 2.4 करोड़ से अधिक लोगों ने अपने आधार को पैन से नहीं जोड़ा है. हो सकता है कि इनमें से कई लोगों के पास आधार नंबर न हो. आयकर विभाग की वेबसाइट पर 8.35 करोड़ लोग पंजीकृत हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 6.4 करोड़ लोग ही टैक्स देते हैं. हो सकता है कि आधार और पैन नहीं जोड़ने वालों में ज्यादातर ऐसे लोग हैं, जो टैक्स नहीं देते हैं.